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आदर्श जीवन । mammoonmoovecommon जी महाराज को वंदना काज गया । मन की खुशाली जाहेर की उन्हों की खुशाली और आनंद की क्या बात है? सच्ची गुरु भक्ति का प्रभाव छुपा नहीं रह सकता है । शुभ प्रसंग की सब हकीकत का सारांश पंन्यास जी ने मुझे कहा । सुन कर बहात ही हर्षे हुआ । जो बात न्याय दृष्टि से विरुद्ध पक्षकार भी कुबूल करे उस में दो मत हो ही नहीं सकते हैं, लायक को लायक मान मिलने से मनुष्य तो क्या पर दैव भी अनुमोदना करते हैं । पूज्य मुनि महाराजों और सुज्ञ श्रावकों ने इस शुभ कार्य के लिए जो प्रेरणा की है उनको भी धन्यवाद है। पंच महाव्रत धारी साधु मुनिराज मंडल में आपको सर्वोत्तम अध्यक्ष पदवी जो दी गई है उसको परम पूज्य आचाय महाराज १००८ श्री विजयानंद मूरि महाराज की परंपरा में सुर्वण अक्षर मय बनाव समझता हूँ और चाहता हूँ कि शासनदेव की सहायता से उस परम पद को आप दे दीप्यमान कर दिखावें।
तथास्तुलि० दासानुदास
प्राणसुख मानचंद । (१०)
जीरा।
१९-१२-२४ मूरिजी महाराज दामे इकबाल हू
अजजानब राधामल्ल ईश्वरदास नथुराम बाबूराम बाद वंदना नमस्कार दस्त बस्ता इच्छामी के पाठ से १००८ वार
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