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आदर्श जीवन
(१६)
. ता १३-१२-२४ स्वस्ती श्री लाहौर महा शुभस्थाने पूज्याराधे सर्वे शुभ उपमां लायक पंच महाव्रतधारी आचार्य महाराज श्री श्री श्री वल्लभाविजयजी तथा आदि ठाणा सर्वेनी पवित्र सेवामां एतान श्री मुंबइ बंदरथी ली. सेवक छोटालाल मोतीचंद ना तथा सह कुटुंब ना १००८ वार वंदना स्वीकारसोजी. जत लखवानुं जे आपनी आचार्य पदवी सांभळी अमो तथा सह कुटुंब बहुत खुशी थयो छीये. बीजुं श्री हमेश थी सासन नी सेवा बजावता आच्या छो अने हवे थी विशेष बजावशो अवी पूण आशा छ, शासनदेव आपनी कीर्ति ने तथा जिन्दगी ने आबाद राखो। बीजु आचार्य महाराज श्री श्री श्री आत्माराम जी नी पण अज मननी इच्छा हती, मुनि महाराज श्री वल्लभविजयजी शासननी रक्षा करशे, तेओ श्री नी मननी इच्छा श्री संघे पूरी पाडी छे, जो के आपने आचार्य पद लेवानी इच्छा न हती, पण संघना आग्रहथी तथा प्रवर्तकजी महाराज श्री कांतिविजयजी नी तथा हंस विजयजी नी आज्ञा थी संघनो बहुज आग्रह होवा थी लीधेल छ, शासन. देवता आपनी रक्षा करो एम हुँ प्रभु पासे मांगुं हुं ।
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सुरत-वडा चउटा
ता०३-१२-२४: मु० लाहोर मध्ये पुज्यपाद आचार्य श्री वल्लभविजय जी तथा उपाध्याय श्री सोहन विजयजी आदि ठाणा जोग श्री.
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