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आदर्श जीवन।
सुरत थी लि. सेवक शा० फकीरचंद खीमचंद तथा नानकचंद भाई चंद नी वंदना १००८ वार अवधारशो जी.. . जत लखवानुं के लाहोर वगेरेना तार समाचार कांति विजय जी ना उपर जामनगर मध्ये आवेला ते वखते हुँ मारा पुण्योदय थी अचानक जामनगर गयेलो हतो, ते वखते आप नी आचार्य पदवी ना समाचार वांची घणोज आनंद थयो छे, दरेक तार मारा वांचवा मां आव्यो हतो तेथी विशेष आनंद थयो हतो।
ली० सेवक नी वंदना स्वीकारशो।
श्री लाहोर परम पुज्य गुरु महाराज श्री वल्लभ विजय जी आदि महाराज नी पवित्र सेवा में भावनगर बंदर थी ली. आप नो चरण उपासक सेवक मास्तर माणक लाल नानजी भाई तथा ची० भाई बाबूराम तथा श्राविकादि नी १००८ वार वंदणा स्वीकारशोजी. आज रोज श्रीजैन आत्मानंद सभा उपर अत्रे तार हतो तेथी जाण्यु जे आपने तथा पंन्यास श्री सोहन विजयजी ने श्री आचार्य अने उपाध्याय महाराज नी पदवी श्रीजैन संघ तरफ थी अर्पण करवा मां आवी ते जाणी परम आनंद थयेल छे, आप ते पदवी ने खरेखर लायक हता अने ते छेवटे पदवी आपवामां आवी तेथी अति हर्ष थयेल छे.
द० पोते ता. ४-१२-२४ गुरु
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