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आदर्श जीवन।
काम लेनेवाला मेंबर भी जिस मेंबरसे चार्ज लेवे उसका नाम लिखकर अपने दस्तखत कर देवे ।
खर्चके लिए एक सौ रुपैयेतक बाहर कोथलीमें जमा रहे और जिस मेंबरकी वारी हो जरूरतके वक्त पचास रुपये तकका खचें बिना किसीको पूछे वो कर सकेगा। ... अगर इससे अधिक खर्चका काम आ पड़े तो बारां मेंबरोंमेंसे जितने मेंबर उस वक्त शहरमें हाजर हों उनसे सलाह कर कर सकेगा, परंतु जितने मेंबर हाजर हों और जिनकी सलाहसे काम किया जावे उनके दस्तखत सहित कुल कार्रवाई क्या क्या काम और कितने कितने खर्चकी मंजूरी दी गई सब लिख लेना चाहिये।
जिस मेंबरकी वारीमें जो कोई काम अधूरा रहे वो काम अगले अगले मेंबरको करना होगा। जरूरत जितनी माजी मेंबरकी या और किसी मेंबरकी या मेंबर सिवायके किसी अन्य योग्य पुरुषकी सलाह ले सकेगा। __ उनसे किसी अमरकी मदद भी ले सकेगा, मगर जोखमदारी वारीवाले मेंबरकी होगी । दस्तखत वगैरह उसीके मंजूर किये जायेंगे ।
(५) भूताजी तिलोकजीके यहाँ रखी हुई रकमकी तपास करनेसे मालूम होता है कि उन्होंने मय व्याजके चूकती रकम श्रीऋषभदेवजी, कंठी बनवाकर, चढ़ा दी है, थोड़ी रकम वधी थी सो भंडारमें देदी है ।
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