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आदर्श जीवन।
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सिंह की हवेली के मैनेजर ठाकुर कंधारासिंह जी साहिब और राय साहिब लाला रघुनाथसहाय हैड मास्टर द्यालसिंह हाई स्कूल तथा राय साहिब लाला दीनानाथ की धर्मपत्नी आदि सदगृहस्थों का भी हम अत्यन्त आभार मानते हैं कि जिन्हों ने हमको मंडप और रिहायश का मकान देकर हमारे उत्सव को पूर्ण सहायता दी । अन्त में शासनदेव से प्रार्थना है कि संघ में सदा शान्ति रहे । _. आचार्यपद हो जाने के बाद सैकडों तार और चिट्ठियाँ मुबारिक वादीके आपके पास आये-उनमेंसे अनेक साधुओंके हैं और अनेक श्रावकोंके हैं । चिहियोंको यहाँ उद्धृत करते हैं, तार परिशिष्टमें दिये गये हैं । साधुओंमें अनेक आत्मारामजी महाराजके संघाड़ेके हैं और अनेक दूसरे संघाड़ेके भी हैं ।
मुनि महाराजाओंके अभिनंदनपत्र ।
जामनगरस्थ मु० मंडल त० श्री लाहोर श्रीयुत वि० व० सू० जी उ० सोह० वि० जी सप० यथा० साथ मा० हो । आपका पत्र तथा श्रीसंघका तार आनंद पूर्ण मिला है। पढकर आनंदमें वृद्धि हुई है । गुरुमहाराजकी कृपासे सारा कार्य आनंद पूर्वक समाप्त हुआ यह खुशी की बात है।
आपको जिस धर्म क्षेत्र में श्री १००८ गुरु महाराज की तरफ से विद्या और विनय शीलता आदि सगुणों की प्राप्ति
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