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आवर्श जीवन ।
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मु० लाहोर आचार्य महाराज श्री श्री श्री वल्लभ विजयजी उपाध्यायजी सोहन विजयजी आदि योग्य धीनुज थी मुनि मोतीविजय पद्मविजय मणिविजय ठा० ३ ना वंदनानुवंदना. त्यांना समाचार छापा द्वारा वांची अत्यंत आनंद थयो छ ।
वलाद-मागसर वदि १ श्री परमोपकारी शांतदांत त्यागी वैरागी गंभीर धर्म स्नेही परम कृपालु परम पूज्य भट्टारक आचार्य महाराज ना गुणे करी विराजमान गुरुदेव श्री श्री श्री १००८ श्रीयुत विजय वल्लभ सूरीश्वर महाराजजी आदिना चरण कमलमा सेवक विवेक विजयनी वंदना अवधारसो जी, तथा मुनि श्री समति स्वामीजी तथा तपस्वी जी तथा पंन्यासजी श्री उपाध्यायजी श्री सोहन विजय जी तथा पंन्यासजी श्री विद्याविजय विचारविजय सागरविजय समुद्रविजय उपेंद्रविजय आदिने वंदनानुवंदना कहसो जी. वलादमा आजे वदी १ ना रोजे आव्यो छु.. आपनी सुखसाता ना समाचार अवसरे लखवा कृपा करसो जी. सेठ फूलचंद खेम चंद तथा मोहनलाल ना मुख जवानी. थी लाहौर ना समाचार सांभळीने घणो आनंद थयो छ ।
मागसर सुदि ९
श्री डभोडा परम पवित्र पूज्य मुनिराज श्री १००८ श्रीमान् श्री वल्लभ
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