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आदर्श जीवन।
स्वागत करते हुए, यह तुच्छ सम्मान आपकी सेवामें अर्पण करते हैं आशा है आप इसे स्वीकार कर हम सेवकोंकी अनुग्रहीत करेंगे। ___ गुरुराज आपश्रीके विषयमें हमारे दिलोंमें जो श्रद्धा और भक्तिभाव हैं उनको शब्दोंद्वारा प्रकट करनेमें हम सर्वथा असमर्थ हैं। ___ आपका जीवन जैनधर्मका उच्च आदर्श, सादगी और पवित्रताका एक खास नमूना है । आपका नाम ही वल्लभ नहीं आप काममें भी सच मुच ही वल्लभ हैं। आप जैसे रत्नोंहीसे जैनसमाज गौरवशाली बन रहा है। आप सत्य और प्रेमकी. जीती जागती मूर्ति हैं । इस लिए आपको सच्चे सत्याग्रही कहना चाहिए।
संयम-संन्यास व्रत-ग्रहण करनेके वक्तसे ही आपने कुल बुराइयोंका सच्चे दिलसे त्याग कर दिया है, इस लिए आप सच्चे असहयोगी हैं।
गुरुवय ! आपके उच्च एवं अनुकरणीय जीवनका विचार करते हुए हमारा मस्तक श्रद्धा और भक्तिभावसे नम्र होकर आपके प्रशस्त चरणोंमें झुक जाता है। अधिक क्या कहें हम लोग आपश्रीके गुणानुवादमें सर्वथा असमर्थ हैं।
पूज्य मुनिराज! स्वर्गवासी गुरुमहाराज (आत्मारामजी) के बादमें आपने पंजाबके जैन समाज पर जो उपकारमयी ममता रक्खी है उसके लिए हम आपके सदा ही ऋणी रहेंगे।
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