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आदर्श जीवन।
गया और उसके लिए वहींसे बाईस हजार रुपयोंकी सहायता भी मिली। बिल्डिंगके लिए भी कई महानुभावोंने कमरे बनवा देनेके लिए धन दिया।
कार्तिक शुक्ला ५ सं० १९७९ के दिन एक पुस्तकालय स्थापित हुआ। उसकी उद्घाटन क्रिया गुजराँवालानिवासी लाला जगन्नाथजीके हाथसे हुई थी । उसके लिए करीब तीन हजार पुस्तकें आपने दीं। इनमें कई ग्रंथ तो बड़े प्राचीन छः छः सौ बरसके पुराने लिखे हुए हैं । ग्यारह श्राविकाओंने पुस्तकोंकी अलमारियाँ ज्ञानभक्तिके निमित्त बनवा दी थीं। __इस चौमासेमें तपस्याएँ भी खूब हुई थीं। उनमें सबसे ‘अधिक, उल्लेखनीय मुनि महाराज श्रीगुणविजयजी तपस्वीकी थी। उन्होंने ७६ दिनमें केवल ७ दिन ही खाया था। तपस्वीजीके पारणेवाले दिन पूजा पढ़ाई गई और जीवदयाके लिए चंदा एकत्र हुआ। ___ इस तरह सं० १९७९ का छत्तीसवाँ चौमासा आपका आनंद पूर्वक अंबालेमें समाप्त हुआ । - चौमासेमें सामानेके लोग आपके पास प्रतिष्ठा करानेके लिए सामाने पधारनेकी विनती करने आये थे । तदनुसार
अंबालेसे विहार कर ग्रामानुग्राम विचरते हुए आप पटियाले 'पधारे । आपके आगमन समाचार सुनकर वहाँके कई स्थानकवासी और जैनेतर भाई आपको लेनेके लिए सामने आये न्थे । पटियालेमें मंदिरमार्गियोंका खास कोई जत्था नहीं है।
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