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आदर्श जीवन।
हो उसी तरह, प्रतिमाजी दिये गये हैं। वर्तमानमें, हमारी समझमें तो, नवीन प्रतिमाएँ बनवानेकी अपेक्षा प्राचीन प्रतिमा
ओंको पूजाके स्थानमें रखवाना और आशातना बंद करना विशेष उत्तम है । फिर जैसी जिसकी इच्छा ।"
वैरावलके औषधालयके लिए आपने धोराजीके एक जैन डॉक्टर श्रीयुत शेषकरणजीको नियुक्त करनेकी बात कही और उन्हें वैरावल जानेके लिए लिखा। उसके उत्तरमें उन्होंने वहाँ जानेमें अपनेको असमर्थ बता लिखा है:-" जैन जातिके लिए जैसा आपका प्रयत्न है, वैसा ही उच्च प्रयास यदि दूसरे साधु करें तो हम लोग बहुत अच्छी स्थितिमें पहुँच जायँ । इस लिए सभी साधुओंके अन्तःकरणमें आपही कीसी इच्छा प्रकट हो, यह मेरी आन्तरिक अभिलाषा है।"
माँगरोलसे आप वापिस वैरावल पधारे। वैरावलसे सिद्धाचलजीकी यात्राके लिए संघ निकला । आप संघके साथ उना, द्वीपबंदर, महुआ, दाठा, तालध्वजगिरि आदिकी यात्रा करते हुए पालीताने पधारे और दादाकी यात्रा की। __ वहाँपर आपके पास बंबईके गौड़ीजीके उपाश्रयके संघका चौमासेके लिए जो विनतीपत्र आया था, उसकी नकल यहाँ दी जाती है । उसको पढ़नेसे पाठकोंको यह भी विदित होगा कि साधुओंको श्रावक पत्र किस तरह लिखा करते हैं ? उन्हें उपमाएँ किस प्रकारकी दी जाती हैं ? इनमें कुछ विशेषण ऐसे भी हैं जिनका, भाषाकी दृष्टिसे, कुछ अर्थ नहीं होता तो भी
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