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आदर्श जीवन ।
मगर शास्त्रार्थकी कोई बात स्थिर न हुई और सभीने अपनी अपनी समाचारीके अनुसार पर्युषण किये ।
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इस चौमासेमें तीन कार्य खास उल्लेखनीय हुए थे ( १ ) महावीर जैन विद्यालय के मकानके लिए करीब एक लाख रुपयेका चंदा हुआ था । ( २ ) बाहर के छोटे छोटे गाँवोंमें जो मंदिर हैं औ पुराने हो गये हैं उनके जीर्णोद्धारके लिए भी अच्छी रकम जमा हुई थी । ( ३ ) पाटनके जैनसंघने पाटनके बोर्डिंग हाउसके लिए करीब एक लाख रुपये जमा किये थे ।
महात्माओं के प्रभाव से पूजा प्रभावना, अठाई महोत्सव, इत्यादि धार्मिक कार्य भी बहुतसे हुए थे। बंबई के लोग कहते हैं कि, इन दोनों महात्माओंके विराजने से बंबई में जितनी धर्मकी प्रभावना हुई थी उतनी उसके पहले कभी भी नहीं हुई थी । १०८ श्री प्र. जीम पर आपके पूज्य भावको और उनके आपके प्रति प्रेमभावको देख लोग किया करते थे ।
शतमुखसे प्रशंसा
請
कोटवाले श्रावककी विनतीसे आपने पं० श्री सोहनविजयजी, मुनि श्री सागरविजयजी और मुनि श्रीसमुद्रविजयजीको कोटमें चौमासा करनेके लिए भेज दिया ।
हमारे चरित्रनायक खास करके महावीर जैनविद्यालयकी नवको मजबूत बनाने के लिए पधारे थे; मगर पर्युषण तक कुछ भी कार्य न हो सका था । आखिर में कोटमें पं० जी महाराज
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