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आदर्श जीवन ।
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महाराजोंके दर्शनका लाभ उठाऊँगा । यदि संघमें पधारे हुए पंजाबके मुनि महाराजका-जिन्हें खास आमंत्रण देकर संघपति लाये हैं-व्याख्यान होगा तो मैं उसका लाभ भी लेना चाहता हूँ । इस लिए सूचना दीजिए कि, व्याख्यान सवेरे कितने बजे होगा और कहाँ होगा ? __ यद्यपि संघ वहाँ एक ही दिन ठहरना चाहता था तथापि दर्बारके आग्रहसे उसे एक दिन अधिक ठहरना पड़ा । दोरको सादर संघपतिने कहलाया कि, आपकी इच्छाको मान देकर संघने कल और ठहरनेका निश्चय किया है । संघ
और मुनि महाराज पूरबाईकी धर्मशालामें ठहरे हुए हैं और वहीं गुरु दयाल सवेरे आठ बजे व्याख्यान भी करेंगे।
ठीक व्याख्यान प्रारंभ होनेके समय ही दर्बार सपरिवार आ गये थे । डेढ़ घंटे तक हमारे चरित्रनायकने देवादि तत्त्वके स्वरूपका निष्पक्ष वर्णन किया। उसे सुनकर वे बड़े प्रसन्न हुए और उत्साह पूर्वक हाथ जोड़कर बोले:--" आपका व्याख्यान सुनकर मुझे बड़ा ही आनंद हुआ । मैंने सुना था कि आप स्वर्गवासी आत्मारामजी महाराजके सहवासमें रहकर उत्तीर्ण हुए हैं। आज मैंने जैसा आपको सुना था वैसा ही बल्के उससे भी बढ़कर आपको देखा । आपके वचनामृतका पान करनेकी मेरी अधिक इच्छा थी; परन्तु आप इस समय संघके साथमें हैं इस लिए कुछ विशेष अज नहीं कर सकता; मगर जब आप वापिस पधारें तब आठ दस दिनतक यहाँ विराजकर अवश्यमेव हमें लाभ पहुँचावें ।"
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