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आदर्श जीवन
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सोदरावाले इस दृश्यको अबतक याद कर रहे हैं। हम चाहते थे कि उस भजनका आनंद हमारे वाचकदको मिलजावे इस हेतु और खास करके सीसोदरा निवासियोंको याद दिलानेकी खातिर हम उसे यहाँ उद्धृत कर देते मगर खेद है. कि, वह हमें प्राप्त न हो सका। ___ सीसोदरेसे विहार कर आप अष्टगाँव नामक गाममें. पधारे । वहाँ भी सीसोदरेके कारण फूट हो रही थी । आपने उसे मिटाई ओर वहाँका संघ, जो फूटके कारण, एकत्र 'सधर्मी वात्सल्य' जीमता न था सो जीमने लगा। वहाँ कोई जिनालय नहीं था, इस लिए आपके उपदेशसे वहाँके लोगोंने एक जिनालय बनाना स्थिर कर चंदा जमा करना शुरू किया । अष्टगाँवसे विहार कर सातम नामा गाममें कुछ रोज ठहर कर आप टाँकल गाममें पधारे । टाँकल गाममें भी कोई जिनालय नहीं था । आपने उपदेश देकर मंदिरके लिए चंदा करवाया । ___टाँकलसे नोगामा होकर करचलिया पधारे । वहाँ श्रावकोंके करीब पैंतीस घर हैं । तो भी किसी कारण वश कोई जिनमंदिर नहीं बन सका था । आपने उन्हें समझा बुझाकर मंदिरा बनवानेके लिए तैयार किया। मंदिर नहीं बनानेका जो खास कारण गुजरातीके आत्मानंद प्रकाशमें प्रकाशित हुआ उसका अक्षरशः अनुवाद हम यहाँ देते हैं,__ "करचलियाके पास करीब एक कोसके फासले पर वाणियावाड़ नामका एक छोटासा गाँव है । बनियेका एक
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