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आदर्श जीवन।
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महिमाकी वृद्धि और लोगोंके भावोंकी वृद्धिका भी लाभ होवेगा। आपके एकत्र होनेसे अन्य भी आपका अनुकरण करेंगे तो भी एक गुरु महाराजजीके नामका जयकार होनेका संभव है । इत्यादि अनेक लाभोंको विचार कर यह प्रार्थनापत्र आपकी सेवामें भेजा गया है । आशा की जाती है कि इसको आप योग्य मान देवेंगे । इति । श्रीवीर संवत् २४३८ श्रीआत्मसंवत् १६ फाल्गुन वदी १२ बुधवार । हस्ताक्षर-सर्व मुनियोंके चरणोंका दास, वल्लभविजय ।
. दासकी राय । मेरी समझ मूजिब यह कार्य बहुत ही शीघ्र होना चाहिए। क्योंकि इस समय प्रायः बहुतसे महात्मा आसपासमें निकट प्रायः विचर रहे हैं । इस लिए यदि आप सब महात्माओंको अनुकूल हो तो ज्येष्ठ सुदी ५-६-७ के तीन दिन सम्मेलन और अष्टमीको सर्व मिल श्रीगुरुजी महाराजजीकी तिथिका आराधन कर आनंदकी लहरें लूटें। _इस कामके लिए इस समय वीरक्षेत्र ( बड़ोदा) मेरी समझमें क्षेत्र ठीक मालूम देता है । आगे आप सर्व महात्माओंको जो समय और क्षेत्र अधिक अनुकूल मालूम देवे और जहाँ सर्व महात्माओंका दिल खुश हो वही क्षेत्र और समय नियत किया जावे । यह दास हर तरहसे तैयार है। परन्तु यह कार्य होना तो जरूर ही चाहिए । यही दासकी अन्तिम प्रार्थना है।"
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