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आदर्श जीवन।
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हमारे चरित्रनायक पर थी। आप तत्काल ही अर्थात् जेठसुदि पंचमीको वहाँसे रवाना हो गये । __ जेठका महीना, कड़ाकेकी धूप मानों आकाशसे सूरज आग बरसा रहा है । पशु पक्षी भी व्याकुल होकर सायाका आश्रय ले रहे हैं । लोगोंके लिए घरसे दस बजेके बाद बाहर निकलना जान पर आता है। अमीर खसकी टट्टियाँ लगाये हवादार घरोंमें बैठे भी गरमीसे व्याकुल हो उफ़ ! उफ ! कर बार बार नौकरको जल्दी जल्दीसे पंखा खींचनेका तकाजा कर रहे हैं। घरके बाहिर जमीन आगसी तप रही है। नंगे पैर जमीन पर पैर रखना मानों भूभल पर पैर रखना है । ऐसे समयमें हमारे चरित्रनायक गुरुवचनको सत्य प्रमाणित करने, धर्मकी प्रभावना करने, श्रीआचार्य महाराजजी तथा श्रीउपाध्यायजी महाराजकी आज्ञाको पालन करनेके और चतुर्विध संघका मान रखनेके लिए बिनौलीके पास खिंवाई गामसे रवाना हो गये । साथमें आपके सुयोग्य शिष्य सोहनविजयजी थे। नंगे पैर दोनों गुरु शिष्य उस भूभलसी भूमि पर चले जा रहे हैं । सूर्य अपनी संपूर्ण शक्ति लगाकर जमीनको जला रहा है, आप धर्मकी खातिर पैदल चले जा रहे हैं। पहले दिन आपने बीस माइलका सफ़र किया। ___ गाँव में पहुँचे । लोगोंने देखा कि, आपके पैरोंमें छाले पड़ गये हैं । थक कर शरीर चूर चूर हो गया है । मगर आपको इसका कुछ खयाल नहीं था । आपको सिर्फ एक ही बातका खयाल था कि, मैं किस तरह गुजराँवाला पहुँचूँ ।
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