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अभ्यर्पित
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अमरज
अभ्यर्पित-सं० (वि०) सौंप दिया गया
अभ्युपपत्ति-सं० (स्त्री०) 1सहायता देने के लिए पहुंचना अभ्यर्पिती-सं० (पु०) वह जिसे अधिकार सौंपा गया 2 रक्षा 3 कृपा, अनुग्रह 4 वादा 5 समझौता 6 बचाव, रक्षा अभ्यर्हणा-सं० (स्त्री०) पूजा, सम्मान, इज़्ज़त करना अभ्युपाय-सं० (पु०) 1 वादा 2 अंगीकार 3 साधन 4 उपाय अभ्यवहरण-सं० (पु०) 1 नीचे फेंकना 2 भोजन ग्रहण करना अभ्यूह-सं० (पु०) 1 तर्क 2 निष्कर्ष, परिणाम अभ्यसन-सं० (पु०) 1 अभ्यास करना 2 अनुशीलन करना अभ्रंकष-I सं० (वि०) गगनचुम्बी, बहुत उँचा II (पु०) अभ्यसित-सं० (वि०) अभ्यस्त
1 हवा 2 पहाड़ अभ्यस्त-सं० (वि०) 1 अच्छी तरह सीखा हुआ 2 जिसने अभ्र-सं० (पु०) 1बादल 2 आकाश 3 अभ्रक 4 शून्य । अभ्यास किया हो 3 पक्का
पुष्प (पु०) 1बेंत का एक प्रकार 2 पानी 3 कोई असम्भव अभ्याकांक्षित-सं० 1 चाहा हुआ 2 मिथ्या अभियोग 3 झूठा बात; ~भेदी (वि०) गगनचुम्बी, अत्यधिक ऊंचा; ~स्पर्शी 4 दावा 5 अभिलाषा
(वि०) गगन को छूने वाली अभ्याक्रमी-सं० (स्त्री०) बिना कारण हमला करनेवाला अभ्रम-सं० भ्रमरहित, स्पष्ट अभ्याख्यान-सं० (पु०) निराधार अभियोग, झूठा दावा अभ्रांत-सं० (वि०) 1 भ्रमरहित, यथार्थ ज्ञाता अभ्यागत-I सं० (वि०) सामने आया हुआ II (पु०) अभ्रांति-सं० (स्त्री०) भ्रम हीनता 1 अतिथि 2 साधु-संन्यासी
अभ्रिय-सं० (वि०) बादल, बिजली अध्यागम-सं० (पु०) 1 पास आना 2 पड़ोस 3 अगवानी अमंगल-I सं० (वि०) 1 अशुभ 2 भाग्यहीन II (पु०) 4 मुठभेड़ 5 युद्ध
1अकल्याण 2 दुर्भाग्य अभ्यागारिक-सं० (वि०) परिवार के पालने में तत्पर या व्यग्र अमंद-सं० (वि०) 1 तेज 2 परिश्रमी 3 उग्र अभ्याघात-सं० (पु०) 1 आक्रमण 2 रुकावट
अमचूर-(पु०) कच्चे आम का सूखा चूर्ण अभ्याधान-सं० (पु०) आरम्भ
अमत-I सं० (पु०) 1रोग 2 मत का अभाव II (वि०) अभ्यापात-सं० (पु०) 1विपत्ति, संकट 2 बुराई 3 दुर्भाग्य 1अज्ञात 2 अस्वीकृत अभ्यारोपण-सं० (पु०) एक जगह से दूसरी जगह (पौधा अमतदेय-सं० जिसके संबंध में मत न दिया जा सके लगाना)
अमति-I सं० (स्त्री०) 1 अज्ञान 2 अदूरदर्शिता 3 संज्ञाहीनता अभ्याश-I सं० (वि०) निकट II (पु०) 1 पड़ोस 2 सामीप्य II (वि०) कुटिल III (पु०) 1काल 2 चंद्रमा 3 अभ्युदय
अमत्सर-I सं० (पु०) ईर्ष्या का अभाव II (वि०) मात्सर्य अभ्यास-सं० (पु०) 1 किसी काम को बार-बार करना 2 आदत। रहित
योग (पु०) किसी एक विषय का बारम्बार चिंतन एवं मनन अमदन-I अ० (पु०) शिव II (क्रि० वि०) इरादा करके, करना; ~वश (क्रि० वि०) अभ्यास के कारण
जानबूझकर अभ्यासादन-सं० (पु०) 1 सामना, मुकाबला 2 आक्रमण
अमन-अ० (पु०) 1 शांति 2 रक्षा। ~अमान (पु०) शांति अध्यासी-सं० (वि०) अभ्यास करनेवाला
और सुरक्षा या सुव्यवस्था; -चैन + हिं० (पु०) सुख-शांति अध्याहत-सं० (वि०) 1बाधित 2 आहत, ताड़ित
और सुरक्षा या सुव्यवस्था; चैन + हिं० (पु०) सुख-शांति; अभ्याहार-सं० (पु०) 1 निकट लाना 2 अपहरण
~पसंद + फ़ा० (वि०) शांतिप्रिय अभ्युक्त-सं० (वि०) 1कहा हआ, उच्चरित 2 अभियक्ति के | अमनस्क-सं० (वि०) 1उदासीन 2 अनमना रूप में लाया हुआ
अमना-सं० (वि०) 1 नासमझ 2 अन्यमनस्क 3 लापरवाह अभियुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 दोष लगाना 2 तर्क उपस्थित करना 4 स्नेहहीन 5 जिसका अपने मन पर नियंत्रण न हो II (पु०) अभ्युक्षण-सं० (पु०) सिंचन, छिड़काव
परमेश्वर अभ्युक्षित-सं० (वि०) जिस पर छिड़काव किया गया हो अमनुष्य-I सं० (वि०) अमानवोचित II (पु०) मनुष्य नहीं, अभ्युचित-सं० (वि०) 1 नियमित 2 प्रचलित, प्रथानुरूप
दैत्यादि अभ्युच्छेदन-सं० (पु०) शल्य क्रिया द्वारा काटना अमनोज्ञ-सं० (वि०) चित्त को प्रिय न लगनेवाला, अरुचिकर अभ्युत्थान-सं० (पु०) 1 उठना 2 उत्कर्ष 3 अभ्युदय अमनोहर-सं० (वि०) = अमनोज्ञ अभ्युत्थायी-सं० (वि०) 1 उन्नति करनेवाला 2 विद्रोही अमम-I सं० (वि०) 1अहंकार शून्य 2 निःस्वार्थ अभ्युस्थित-सं० (वि०) अभ्युत्थायी
3 ममताशून्य 4 कामनारहित II (पु०) भावी जिनविशेष अभ्युदय-सं० (पु०) 1 वृद्धि 2 उत्तरोत्तर उन्नति 3 इष्टलाभ अमर-I सं० (वि०) 1न मरनेवाला 2 अविनाशी II (पु०) 4कल्याण; ~काल (पु०) उन्नतिकाल
देवता। -कोश (पु०) अमरसिंह का बनाया हुआ संस्कृत अभ्युदाहरण-सं० (पु०) मिसाल या विपरीत बात के द्वारा का प्रसिद्ध कोश; ~ता (स्त्री०); ~त्व (पु०) 1 अमर किसी विषय का स्पष्टीकरण
होना 2 आत्मा का शाश्वत अस्तित्व 3 देवत्व; निधि अभ्युदित-सं० (वि०) 1 उगा हुआ 2 निकला हुआ 3 घटित (स्त्री०); ~पद (पु०) मोक्ष पुर (पु०) इन्द्रपुरी, 4 समृद्धिप्राप्त, उन्नत
अमरावती; बेल (स्त्री०) आकाशबेल (लता); ~लोक अभ्युगत-सं० (वि०) 1 पास गया या आया हुआ 2 स्वीकृत
(पु०) देवलोक, स्वर्ग अभ्युपगम-I सं० (पु०) 1 पास जाना 2 वादा करना 3 मानना, अमरज-I सं० (पु०) 1 अमरता 2 मृत्यु न होना II (वि०) अंगीकार
अमर