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अभिसारी
अभिसारी-सं० (पु० ) 1 अभिसार करनेवाला 2 सहायक
3 (केंद्र के) पास आता हुआ
अभिसिंचित -सं० (वि०) अच्छी तरह सींचा हुआ अभिसूचक-सं० (वि०) अभिसूचना देनेवाला अभिसूचना -सं० (स्त्री०) विशेष रूप से दी जानेवाली सूचना अभिस्ताव - (पु० ) प्रशंसा, स्तुति
अभिस्तुति-सं० (स्त्री० ) 1 प्रशंसा 2 संस्तुति
अभिस्थगन-सं० (पु०) सत्र का अवसान
अभिस्थगित -सं० (वि०) विशेष कारण से टाला गया अभिस्त्रवणी-सं० (स्त्री०) आसवनी
अभिस्रावण-सं० (पु०) आसवन
अभिहतसं० (वि०) 1 पीटा गया 2 आक्रांत 3 पराभूत 4 बाधित
अभिहति-सं० (स्त्री०) 1 निशाना लगाना 2 गुणन क्रिया 3 पिटाई
अभिहर - I सं० (पु० ) ले भागना II (वि०) ले भागनेवाला, उठाईगीर
अभिहरण-सं० ( पु०) लूटना अभिहर्त्ता - सं० ( पु० ) 1 लेकर चल देनेवाला 2 डाकू अभिहार-सं० (पु० ) 1 चोरी 2 डाका 3 हमला 4 अपनयन अभिहास-सं० (पु० ) 1 दिल्लगी 2 विनोद अभिहित - I सं० (वि०) कहा हुआ 2 अभिधा वृत्ति द्वारा बोधित 3 उल्लिखित II (पु० ) 1 नाम 2 शब्द। संधि (स्त्री०) मौखिक संधि
अभी - ( क्रि० वि०) अब ही, इसी समय अभीक-सं०
(वि०) 1 इच्छुक 2 कामातुर 3 निर्भीक
4 भयानक
अभीक्षक-सं० (वि०) देख-रेख करनेवाला
अभीत-सं० (वि०) निडर, निर्भीक
अभीति - I सं० (स्त्री०) 1 निर्भीकता 2 हमला II ( वि० ) निर्भीक
अभीप्सा-सं० (स्त्री०) कामना, प्रबल इच्छा । पूर्ति (स्त्री०) कामना का पूरा होना
अभीप्सित - I सं० (वि०) वांछित II ( पु०) अभिलाषा अभीप्सी-सं० (वि०) अभीप्सु अभीप्सु -सं० (वि०) इच्छुक
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अभीर -सं० (पु० ) 1 अहीर 2 चार चरण का एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में 11 मात्रा और अंत में जगण हो अभीरु - I सं० (वि० ) 1 निडर 2 जो भयदायक न न हो
3 निर्दोष II (पु० ) 1 शिव 2 भैरव 3 युद्धभूमि अभीष्ट -सं० (वि० ) 1 चाहा हुआ 2 अभिप्रेत 3 प्रिय 4 रुचिकर II (पु० ) 1 अभिलषित वस्तु 2 मनोरथ 3 प्रेमी 4 प्रिय व्यक्ति; लाभ (पु०) अभिप्रेत वस्तु की प्राप्तिः ~ सिद्धि (स्त्री०) मनचाही बात पूरी होना अभीष्टा-सं० (स्त्री०) 1 प्रेमिका 2 तांबूल, पान अभुक्त-सं० (वि० ) 1न खाया हुआ 2न भोगा हुआ 3 अछूता 4 जिसने भोजन न किया हो। पूर्व (वि०) जिसका पहले उपयोग न हुआ हो अभुग्न - सं० (वि.) 1 जो झुका न हो 2 निरोग या स्वस्थ 3 जो कुटिल न हो
अभ्यर्पण
अभूत-सं० (वि०) 1 जो हुआ न हो 2 अविद्यमान 3 मिथ्या; -दोष (वि०) निर्दोष, पूर्व (वि०) 1 जो पहले न हुआ हो 2 अनोखा; शत्रु (वि०) जिसका कोई शत्रु न हो अभूतार्थ-सं० (पु० ) अश्रुतपूर्व या अनहोनी बात अभूति - I सं० (स्त्री० ) 1 अविद्यमानता 2 धन या शक्ति का अभाव 3 निर्धनता II (वि०) निर्धन, गरीब अभूरि-सं० (वि०) 1 कुछ, थोड़ा 2 कतिपय अभेद-सं० (पु० ) 1 भेद का अभाव, एकता 2 एक रूपता II (वि०) 1 भेद रहित 2 अविभक्त 3 जिसका रहस्य न जाना गया हो; ~वादी (पु०/वि०) जीवात्मा और परमात्मा में कोई भेद न माननेवाला अभेदनीय-सं० (वि०) अभेद्य
अभेद्य - I सं० (वि०) जो छेदा न जा सके अविभाज्य II (पु० ) हीरा
अभेरना - (स० क्रि०) 1 संयुक्त करना 2 मिलाना अभोक्तव्य-सं० (वि०) जिसका उपयोग या उपभोग न किया जा सके
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अभोक्ता-सं० (वि०) 1 उपभोग न करनेवाला 2 परहेज़ करनेवाला
अभोग - I सं० ( पु० ) भोग का अभाव II (वि०) अभुक्त अभोगी-सं० (वि०) 1 अभोक्ता 2 विरक्त अभोग्य - सं० (वि०) जो भोग करने योग्य न हो, जिसे भोगना वर्जित हो
अभोजन-सं० (पु० ) न खाना, खाने से परहेज़, उपवास अभोज्य-सं० (पु० ), 1 न खाने योग्य 2 जिसके खाने का निषेध हो अभौतिक-सं० (वि०) अपार्थिव, जो पंचभूतों से न बना हो अभौम-सं० (वि०) जो भूमि से उत्पन्न न हुआ हो अभ्यंग - सं० (पु० ) 1 लेपन 2 मालिश अभ्यंजन-सं० (पु० ) मालिश करना
अभ्यंतर - I सं० ( पु० ) 1 वस्तु का भीतरी भाग 2 बीच का अवकाश 3 अंतःकरण II ( क्रि० वि०) भीतर, अंदर III (वि०) 1 भीतरी 2 अंतरंग 3 परिचित 4 कुशल । प्रयत्न (पु०) उच्चारण में वायु को मुख के अन्दर रोकना अभ्यंश-सं० (पु० ) यथांश, नियतांश अभ्यक्त-सं० (वि०) 1 जिसे तेल की मालिश की गई हो 2 जो तेल फुलेल लगाये हो
अभ्यधिक-सं० (वि०) बहुत अधिक अभ्यधीन-सं० (वि०) जो पराधीन हो
अभ्यर्चन -सं० ( पु० ), अभ्यर्चना (स्त्री०) पूजा, आराधना अभ्यर्ण - I सं० (वि०) 1 निकट 2 निकट आनेवाला II (पु० ) सामीप्य
अभ्यर्थन - सं० (पु० ) 1 प्रार्थना करना 2 दरख्वास्त 3 अगवानी
करना
अभ्यर्थना - सं० ( पु० ) 1 अनुरोध, विनती 2 मांग, याचना अभ्यर्थित सं० (वि०) जिससे विनती की गयी हो अभ्यर्थी - सं० (वि०) 1 प्रार्थना करनेवाला 2 उम्मीदवार अभ्यर्दन -सं० (पु०) उत्पीड़न, कष्ट देना अभ्यर्दित-सं० (वि०) पीड़ित
अभ्यर्पण-सं० (पु०) अपना अधिकार या स्वामित्व अन्य को सौंपना