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५९१
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६०४
विषय-सूची विषय
विषय अब्रह्मके दस भेद
लोभी पिण्याक गन्धका उदाहरण
५७८ वैराग्यके उपाय
पटन नामक वणिकका उदाहरण कामजन्य दोष
सचित्त परिग्रहके दोष
५८३ कामके दस वेग
५१८ महाबत संज्ञाकी सार्थकता कामातुर गोरसंदीपका उदाहरण ५:२ उन महाव्रतोंकी रक्षाके लिये रात्रि भोजन परस्त्रीगमनके दोष ५२५ त्याग
५९२ ब्रह्मचारी इन दोषोंसे मुक्त ५२८ मनोगुप्ति और वचनगुप्ति
५९५ स्त्रियोंके निमित्तसे ही महाभारत
कायगुप्ति
५९७ रामायण आदिके युद्ध हुए ईर्या समिति
५९९ दुराचारिणी स्त्रियोंके उदाहरण
भाषा समिति
६०१ स्त्रियोंके दोषोंक साथ ही पतिव्रता
सत्यवचनके भेद
६०० स्त्रियोंकी प्रशंसा
अनुभय वचनके नौ भेद
६०२ गर्भमें शरोरके निर्माणका क्रम
एषणा समिति
५.४३ शरीर में सिरा वगैरहका प्रमाण
आदान निक्षेपण समिति
५४८ शरीरकी अशुचिता दूर नहीं हो सकती
. . ६०५ प्रतिष्ठापन समिति
५५२ शरीरमें कुछ भी सार नहीं
अहिंसा व्रतकी पाँच भावना ५५३
एषणा समितिका विस्तृत स्वरूप ६०८ शरीरकी अनित्यता
सत्यव्रतकी भावना
६१० वृद्ध सेवाका कथन
५५९
अचौर्यव्रतकी भावना केवल अवस्थासे वृद्धता नहीं
ब्रह्मचर्य व्रतकी भावना
६११ । केवल अवस्थासे वृद्धोंका संसर्ग भी उत्तम ,,
परिग्रह त्याग व्रतकी भावना तीन कारणोंसे काम सेवनकी भावना ५६१
भावनाओंका महत्त्व स्त्रीके संसर्गसे होनेवाले दोष
निःशल्यके ही महाव्रत होते हैं रुद्र, पाराशर, सात्यकि आदिका उदाहरण ५६६
निदानके तीन भेद स्त्री व्याघ्रके समान है
प्रशस्त निदानका स्वरूप अन्तरंग और बहिरग परिग्रहका त्याग ५७० अप्रशस्त निदानका स्वरूप आगममें परिग्रह त्यागका उपदेश है
भोग निदानका कथन केवल वस्त्र त्यागका ही नहीं है
कुलाभिमानको दूर करनेका उपाय ६१८ आचेलक्यका अर्थ सर्व परिग्रह त्याग है ५७३ भोग निदानके दोष
६२४ तालपलंबका उदाहरण
" भोग निदान वालेके मुनिपदकी निन्दा ६२५ परिग्रहके सद्भावमें अहिंसादि व्रत नहीं ५७४ भोगजन्य सुखकी निन्दा
६२७ परिग्रहके ग्रहणसे अशुभभाव ५७५ भोग शत्रु हैं
६३४ सहोदर भाईयोंका उदाहरण ५७६ निदानमें दोष, अनिदानमें गुण
६३८ साधुपर सन्देह करनेवाले श्रावकका
मायाशल्य दोषमें पुष्पदन्ता आर्यिकाका उदाहरण
५७७
उदाहरण
६१३
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