________________
प्रदगाहना--को नं०१८ देखो। बंब प्रक्रिया को नं.७ के १६ प्रकृनियों में ये वायु , घटाकर ५८ जानना । ये जो प्रनिया पंचना हैं वे सर पहला भाग में
खती है ऐसा जानना। दूस'माय म५६ जानना ऊपर क ५८ प्रकृतियों में में निद्रा पौर प्रचला २ चटाकर बंधती है दिखा गॉ. क. पा. ४५६) तोसरे भाग में ... थे भाग में --
भाग में -. वें भाग में -२६ प्रकृतियां रंधती है, निम्न प्रकार जानना गो० कर्मकार (मराठी) में जो बंधब्युटित्ति कोष्टक २० है उसमे जो वा
___भाव में बताये हवे ३० प्रकृतियां ऊपर के ५६ प्रकृतियों में से २६ प्रतिया पटाकर जानना देखो गो० का मा० २१७)
9 भाग में -२२ प्रकृतियां जो संघती है दे कार के २६ प्रकृतियों में में हास्य-रति , भय-मप्पा २, ये घटाकर २० जानना। सूचना- रोक बधयुधित्ति के ७ भंग क्षपक यगो को अपेक्षा ही पड़ते है। २९ वय प्रकृतियां-१२ को न.७ के ७६ प्रकृतियों में से प्रमप्राप्तामपाटिका संहनन १. कनीक सहनन . अर्घनाराचसंहनन सम्पर प्रकृति १. ये
घटाकर ७२ जानना। २. सत्व प्रकृतिमा . १४३, चौथे गुण स्थान १४-प्रसानियों में में नाकाय १. नियंचायू १, अनन्तानवधा कगार
पटाकर शेष १४२ की मत्ता उपम सम्यक्त्व की उपयम धेगी में जानना ।। १३६. चौथे गुरण स्थान के क्षायिक मम्यगृष्य की १४१ प्रकृतियों में ये नरकायु १. तिथंचायु १. पे दो घटाकर शेष १३६ को सत्ता भाषिक सम्यक्त्व की उपशम श्रेणी में जानन। १३८, चौये गुण स्थान हायिक सम्यगृहस्टी की १४१ प्रकृतियों में से नरकायु, नियंचायु १. दवायु १ये ३ घटाकर शव १३८
प्रकृतियों को सत्ता मायिक सम्यगृष्टी की क्षपक में गली में जानना । मंख्या .-२६६ उपशम श्रेणी में, और ५१८ क्षयक घणी में जानना । मंत्र-लोक के पसंख्यानवे भाग प्रमाण जानना । स्पर्षन-लोक के प्रसंख्यात भाग प्रमाण जानना । कास-उपगम श्रेणी में एक ममय में अन्नम्हतं प्रौर क्षयक यंत्रों में प्रन्स इतं से प्रगतहत जानना। अन्तर-नाना जीचों को अपेक्षा उपशम श्रेणी में गक समय से लेकर वर्ष प्रथक्व तक पोर धाक यसो में एक समय से लेकर छ: मास तक
जानना एक जीव की अपेक्षा उपशम चंपो में एक समय में देशीन अE पदमल परावर्तन कान तक मार जानना। वाति (योनि) १४ लाख योनि मनुष्य को जानना । कुल-१४ लाख कोटिकुल मनुष्य की जानना ।