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कोष्टक नं०६०
क्षायिक सम्यक्त्व में
।
चौतीस स्थान दर्शन
। २
२०.१४-१३ के मंग
| २४ का भम-को.नं. को. नं.१% के समान
| १६ के २६ के भंग (नद जानना
अनुदिश और पंचानुत्तर) २७ का भंग-कोर नं.
में में उपगम-क्षयोपशम १८ के २६ के भंग में से
ये २ सम्यक्रव पद उपशम-क्षयोपशम ये २
२४ का भंग जानना सम्यक्त्व घटाकर २७ का । जानना देवति में
। सारे भंग १ भंग २७-२४ के भंग-को० नं. को न०१६ देखो| को.नं.१६ १६ के २६ २६ के हरेक
देखो भंग में से उपशम-क्षयोपशम ये २ सम्यक्त्व पटाकर २७-२४ के मंग जानना २४ का भंग-को० नं० १० के २५ के भंग में से ! १ क्षयोपशम सम्यक्त्व घटाकर २४ का मंग