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कर्मों के मूलोत्तर प्रकृतियों की अवस्था और संख्या आदि विवरण -
उत्तर प्रकृतियों की संख्या कर्म प्रकृतियों की | संख्या | 7 | २ | ३ । ४ ५ ६ ७ ८ | जोर अवस्था और नाम
ज्ञाना. |दर्श | वेद० मोह प्रायु नामा ! गोत्र अन्त
२ । ३/४ / ५/६ । ७ | ८
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११
१. मूल प्रकृतियाँ .
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२. उत्तर प्रकृतियां
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३. बन्ध योग्य प्रकृतियां
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४. प्रवन्ध योग्य प्र०
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५. उदय योग्य प्रकृतियां
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६. अनुदय योग्य प्र०
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७. सत्व योग्य प्र०
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८. बाति प्र०
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है. सर्व घाति प्रा
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१०. देव घाति प्र०
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११. प्रघाति प्र०
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१२. प्रशस्त (पुण्य) प्र०
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१३. अप्रशस्त (पाप) प्रक १४. पुद्गल विपाकी प्र०
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१५. भाव बिदाकी प्र०
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१६. क्षेत्र विपाकी प्र०
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१७ जीव विपाकी प्र.
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