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. २६ ] .
७ । २ । ५
११४
१८. सादि-अनादि ध्र व-अध्रुव | ११४ । ५ ।
रूप चारों प्रकार का बध होने वाली प्रकृतियां
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१६. अनादि-धुव-मधदरूप सीनों
प्रकार का बन्ध होने वाले | प्रकृतियां
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२० सादि और अध्रुव रूप दो
प्रकार का बन्ध होने वाले प्रकृतियां
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२१. सावि संघ प्रकृतियां
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२२. अनादि बंध प्रकृतियां २३. ध्रुव वध प्रकृतियां २४. ध्रुव बंध प्रकृतिग
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२५. स्थिति बंध प्रकृतियां
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२६. उदय म्युच्छित्ति के पहले
बन्ध्र व्युच्छित्ति जिनके हावे वे प्रकुतियां
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२७. उदय व्युरिष्टत्ति के बाद बघ व्युच्छित्ति जिनके होवे वे प्रकृतियां
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२८. उदय व्युच्छित्ति और बन्ध
ध्युच्छित्ति जिनके एक साथ प्रद एक ही मुरण स्थान मे होता है वे प्रकृतियां
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२९. जिस प्रकृति का उदय । २७ । ५ | ४
होता है उसका उस हो जन्य में बध होता है एक प्रकृतियां