Book Title: Chautis Sthan Darshan
Author(s): Aadisagarmuni
Publisher: Ulfatrayji Jain Haryana

View full book text
Previous | Next

Page 839
________________ पृष्ट पंक्ति अशुद्धता शब्ता ११८ ९, १०, ११ का. ८ में ११९ १ का.३ में • का भंग आग . का भंगआगे के चारों का.३ में देद है हो वेदनहीं १२० का, ३ में १७ का भंग १३ का भंग १२२ १ का. ४ में ६-७-८ काट डालना चाहिये १२२ ४ का. ५ में ४-४-६ १२२ ४-५-६ का.५ में ये तीनों पंक्तियां ६ ३७ ३८ वें यण के सामने पहो । १२२ ७-८ का ५ में २ का भंग जानना यह पंक्ति : 4 गुण, के सामने पढी। १ का भंग जानना. यह १० वे गुण. के सामने पड़ो। १२३ का.८ में १ के मंगमे से कोई १ज्ञान जानना सारे भंगो में १२३ ९ का. ३ में श्रुति श्रुत इसी तरह जहां जहां अति लिखा है वहां वहां श्रुत ऐसा पढ़ो। का. ४ में २-३ केभंग ३-२ के मम १२५ ५ का. २ में ४ ७ २-३-३-१-२-३ २-३-३-३-१-२-३ १२८ १६ का. ५ में ३ का भंग ३ के भंग में से कोई १ सम्यक्त्व १२९ ४ का. ४-५ में १ संज्ञा जानना यह काट डालना चाहिये १२९४ के नीचे का, ४-५ में १जी जानना १२९२ के नीचे का ७-८ में १३० ५ का. ३ में २ का १का १३१ २४ का.३ में ज्ञान शान ३ १३४ २० का. ४ में संशयमिथ्यात्व संशयमिथ्यात्व विनयमिथ्यात्व १३४ २० का. ५ में विनयमिथ्यात्व मह ४ थे कालम में पडो १३५ १९ , धमोकर १-२ का घटाकर २२ का का. ४ में अविरतका ४ का भंग घटाकर यह काट डालना चाहिये का. ४ मे ३२४ गुण में ३ रे ४ थे गुण में १३७ ५-६-७ का ५ में ये तीनों पंक्तियों को ४ थे कालम में लिखें ३ रे ४ थे गुण के सामने पदो। १३७८-९ का, ७ में कोई । यह काट शालना चाहिये १३७ ११ का.७ में कोई १ कोई१ वेद १४१ १४ का. ४ में ४ जीव ५ का ४ जीवघे ५ का १४. ८ का ४ में पृथ्वी आयु पृश्वी, वाय

Loading...

Page Navigation
1 ... 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874