Book Title: Chautis Sthan Darshan
Author(s): Aadisagarmuni
Publisher: Ulfatrayji Jain Haryana

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Page 852
________________ ८१८ गुडता पृष्ठ पंक्ति अशुद्धता मूचना-नरकगनि में अवधिज्ञान मात्र प्रत्यय होता है । इसलिये यहा ३ का मंग जानना। ४२१ २८. का. ३ में ? २२ १२२ के भंग को, नं, १७ देखो ४२२ २ का. में २२ २ के अंग को, नं. १८ देखा ४२२४ का ३ में २२ २ के भंग को. नं. १९ देखो सूचना - देवगन में अवषिजन भवप्रत्मय होता है । इसलिये यहाँ ३ का मंग जानना । ४२३ ८ का. २ में ओ १ दोनों में से कोई ४२४ ६ का ६ में २३ २ ४२४ १७ का. ४ में १६ से ४२५ १० का. ६ में ३९ ४ ४३ ३९ ४० ४३ ४२७६ १८१४५ १४५ प्र. ४२७ १० सारे कुज्ञानो सादिकुशानी का. १ में काय ८ काम ४३० २ का. ३ में १६ से १६ १६ से १९ ४३२ १५ का. ३ में २८२२३ २८२५ २३ ४३२ १९ का. ३ में २ २२ २३ २१ २२ २३ का ६ में १६९ देखा १६१९ देखो ४३७ १६ का में देखा १६ देखो का ७में देखो १६ देखी का ३ में ६ देखो १६ देखो का.३ में ४४१ २१ ४४२ ८ ४४६ १६ ४४७ ११ १ भंग शानी मरकर ६० देखो का.६ में ६६६६ के का. ५ में भंग का ६ में शान मरकर का ८ में ६ देखो का, ३ में ४३२१११ का. ३ में ७४१ के का ५ में ७४१ का.३मैं २० २०२० १६ १५ १११३ .

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