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शुद्धता
पृष्ठ पंबित अधुक्ता ५३३ ९-१० का, ३ में कर्मभूमि की
अपेक्षा तीनो ५३४ ५ का ६ में १६-१८-१९ ५३४ १२-१३ का. ३ में कर्मभूमि की
अपेक्षा तीनो का, ८ में मारेभंग का. में कर्मभूमि की
अपेक्षा तीनो
का, ८ में को नं. १६ ५३५ १९ .३ में २
नरक और कर्मममि की अपेक्षा तिर्यच और मनुष्य इन डोनो। १६-१९-१८ १ लरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिर्थच मनुष्य ।
१ नरक और कमभूमि की अपेक्षा तियंच मनुष्य । को. नं १७
५५ १५
५३५ २३ ५३६ ११ ५३६ ४
का. ६ में ओ. मिथ काययोग मिथकाय योग ? का ६ में ३४-२५-३८ का. २ में असंयमासंयम का, ४-५ में
औ काययोग १वं. का योग १ ३४-३५-३८ असंयम ३ रे का. मैं के २६ आदि
,,,मगो के सामने। इस प्रकार मिन्ह लिख लेना २९-३०-३२
५३७ ५३९
१ २
का. ३ में ९-३०-३२ का. ३ में कर्म भूमि की अपेक्षा.
५३९ ९-१०
का. ३ में कर्मभूमि की
अपेक्षा १ नरक मनुष्य को ३ में कमममि की अपेक्षा
इस पंक्तिको इसके नीचे -४ पक्तिके बीच पढ़ा जाय। १नाक और कर्मभूमि को अपेक्षा मनुष्य गतिमें। ऊपर के ममान यहां भी लिख लेना
५४.
२
१नरक और कर्म भूमि की अपेक्षा मनुष्य तिथंच गतिमें हरेक में।
१४. ५४१
२६ २
का.६ में का का. ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा
५४५ ५४१
४ ५
का ६ में एक एक जानना का. ३ में कर्मभूमि की अपेक्षा
१ नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा तिर्यंच और मनुष्य ये ३ मनि जानना । एक एक गति जानना. १नरक और कर्मभूमि की अपेक्षा मनुष्य गति ।
नरक और कर्म भूमि की अमेभा मनुष्यगति में भौर
५४११
कामें कर्मभूमि की अपेक्षा