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८३८ . .
पेष्ठं पंक्ति
अशुद्धता
शुद्धता
परिणमन जाना १ले रकाने में से ४०
७५८ ८
परिणमन हो जाना से ४४० करण
७६१
१३
का. १० में ये ७
Lal
•
७६२ १-२
७६४ ७६४
५ १
७६४ २६
७६६ १२ ७६७ ६ ७१८
७६८
१.
का.३ में. का. ९ में। का. ३ में कुक्षवधिदर्शन
अवधिदर्शन गो, क, गा. ५००
पो. क. गा. ५०१ या मार्गणा
लेश्या मार्गणा १ले रकान में बालकप्रभा
बालकाप्रमा २रे रकाने में ये , द्वीन्द्रिय
दीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय
चतुरिन्द्रिय २रे रकामे में मरण मरक
मरण करना , अपराध
अपर १ ले रकाने में १ से १४ का, में ८ अनियत्तिकरण १ अनिवृत्तिकरण . २२ रकाने में हो, यता
करे तो देवमति में देव अथवा मनुष्यगति में २ रे रकाने में मरे तो देव
मरण हाय तो देव अथवा मनुष्य अथवा मनुष्यगति
मनुष्यगति २ रे रकाने में देव, तिर्षभ
वेत्र, मनुष्य अपवा अथवा नरक होगा .
तियंचगति में जायेगा यदि ४ . . भाग में मरण हा तो देव, मनुष्य
तिथंच अथवा नरक होगा। ले रकान में पर्याप्ति काल
पर्याप्ति भाषापति काल २ र रकाने में इन दोनो बिसयों को १ ले और दूसरे रकाने के मीच एक पंक्ति में पढ़ा जाय। का. र म कार्माण का योग
कामीण काययोग मे रकाने में यह जाव
यह जीव , कते है पल्य असंक्यात
पत्य के असंख्यात र जावे
रहनावे २ रे रकाने में
७६८ ११
.
७५९
४
७७. ८ ७७० ११ ७७. ३० ७७. ३१ ७. ९