Book Title: Chautis Sthan Darshan
Author(s): Aadisagarmuni
Publisher: Ulfatrayji Jain Haryana

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Page 874
________________ पृष्ठ पकिम अशुखास अदत्ता 784 385 7.5 कर्ण अस्तिनास्ति गुणा परिणामों की होना जानना निषेकहार दून। प्रमाण निषेकहार होते है ये अपकर्यकाल मानना 5 2 र रकाने में अस्ति-नारिस , गण , प्रमाणो की १ले रकाने में होना चाहिये / 22 रकाने में निषेकाहार 4. . गुना माण 5 , निषेकाहार 8. ... 2 रे काने में होते हैं व 781 786 786 785 भपरिबर्तमान परिणाम वह शाम मुख्य शब्द के स्थान में पढना चाहिये 469 देखो वर्गणाका सह पद्धक 788 787 26 2 रे काने में 69 देखा 788 2- 3 १ले रकाने में वर्गणाका स्पर्वक 788 4 १ले रकाने में सम्हस्थान " गा. 660 देखो 789 15 के नीचे अंगोपांग य 2 जानना , श्वानके समान 18 स्थान इसको निकाल देना चाहिये अंगोपांग 12 जानमा , गा 20 इसको यहां से निकाल देना श्वानके निवाके समान है गा. 220 प्रत्यनीक प्राण 23 रकाने में प्रत्यनिक , 105 की , मा. 158 मा.३५८

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