Book Title: Chautis Sthan Darshan
Author(s): Aadisagarmuni
Publisher: Ulfatrayji Jain Haryana

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Page 862
________________ शुद्धता १गुण. सारभंग को, नं. १ २१-१७ १८ देखा स्त्री-नषकमेव पृष्ठ पंक्ति अशुद्धता ६२४ १ का. ५ में गण. ६.४ १० का. ३ म १ ६२४ २१ का. में के ऊपर का,५ में १ मंग ६२५ १४ का. २ में को. नं. का, ३ में २१ का, ८ में १८ ६२७ ४ का. ३ में १८-१९ देखा ६२७ २८ का. ६ में स्त्री-पुरुषवेद २ ६३० ३ का, ६ में मारे मंग का. ८ में के सारेभंगो में का.३ में पंच १० का. ४ में १६ का.३ में ३ के का.६ में ८ का.५ में नं. ७ का.६ में ३३-३३-३३ (देखो गो क, ग) का, ५ में • गुण. का.६ मे था का. ३ में ४ ६४१ १४ का.३ में ६ म सारेगुण. के सारेगण, में पृष्ठ ६४० ३-४-1-1-३ ६३८ नं.१७ ३३-१२-३३ (देखो गो, क. गा. ५५०) का ३ में तिगंगा। म का ३में नियंचति में ६४२ ५ ६४२ १५ ६४२ २२-२६ ६४२ १३ का. ७ग मंग ४ था ४ को काट डालना चाहिये १६ मे सूचना- पृष्ठ ६५२ पर देखा तियंचति में भोगभूमि में तिर्यचति में भ सूचना-पृष्ठ ६५२ पर देखो सारेभंग सुचना-पय ६५२ पर दम्बा तियंचति में भीगभूमि में तिथंचगति में शागर्भाम में १-:-: के तियंचगति में भोगभूमि में २-१-१-४-२० १९ का m १४३ २९ का ३ में निर्यचल में का ६ में तिर्यचति में का २ में -०-२के का ३ में नियंचति में का. ३ में २-११-०-२० का ६ में ९ का

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