Book Title: Chautis Sthan Darshan
Author(s): Aadisagarmuni
Publisher: Ulfatrayji Jain Haryana

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Page 864
________________ को.नं. १ के ११७ में से दोनो सामान पर्यत पर्वत १ वैद पृष्ठ पंक्ति अशुद्धता ६६१ १८ का ६ में २१-२७-२६ की. नं.१ के १०७ में से ६६३ . का.७ में गुस्थान ६६३ १३ का, ३ में । के ऊपर ६६४ ३ का.२ में पर्याप्त ६६४ ५ का.३में पर्याप्त ६६४ ६ का. ५ में वेद ६६४ २० का.६ में१-३ के का. २ में अभय ६६५ १५ का, ३ में २ मिथ्यारव ६६५ २३ का.३ में . के ऊपर ६६५ १२ का, २ में कापोत पीत का, २ में २८ __ का. ३ में २८ ६६६ १२ का. ३ में २७ के का, में २४-२४ का, ५ में . गुण का २ मे को.नं. ६७० १२ का. ५ में की. न. १९ ६७० १६ का, ६ में ४ अमव्य २ का अंग कायोत २७ २४-२५ १ गुण. को, नं. १३ को.नं.१८ ६७२ १ का ७ में सारे मंग सारे गण. ६७३ १३ का. ५ में १ योग का. ८ में १ योग का. ३ में ४-३-१.१ का. ३ में ९-१९ के ६७५ १६ ६७५ २२ ६७५ २८ ६७८ १४ के नारे ६७८ २८ ६७९ २० ६८. ४ का. ५ में वेद . का ६ में २-१९ का. ४ में ५ में १ मंग ४-३-२-१-१.०-४क ९-२-१-१ के १ वेद १ वेद २३-१९ के को.नं. १८ देखा का. ६ में ९ देखो का ३ में ३-५ का.. में ८-१..के

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