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१
२
४
( ७४४ )
२२. गुल स्थान उत्तिसादिकमसे कहते हैं। ( को० नं० ६० ) ( धवल शास्त्र कर्ता भूतबली प्राचार्य के मतानुसार जानना )
६
मुगास्वान
२ मिश्र
१७
मिथ्य तथ
सासदन
५. देश संयत
असंयत
प्रमत्त
अप्रमत
१४ प्रयोग के०
अनुदय
११
२२
ን።
부싯
6?
८०
४६
८ अपूर्व क०
६ श्रनिवृ
| ५६
१० सूक्ष्म सां०
६२
११ उपशांत मोह | ६३
१२ क्षी मोह
६५
१३ सयोग के०
५
५०
११०
१११
१००
१०४
62
८१
उदय
७६
७२
६६
६०
५६
५.७
X
१२
उदय
| व्युद्धित्ति
५
१७
२
१६
३०
१
१२
५.
विशेष विजरण
५ सम्ममा १, सम्यक प्रकृति आहार २ तर १२ जानना ५१. तप, सूक्ष्म साधारण १. १. ५ जानना
१-१०+१ र
११ जान ६ श्रनन्तानुबन्धी कथाय ४, स्थावर १ एकेन्यादि जाति ४ ये जानना ।
२११९ २ १ मानुपूर्वी २३सम्प मिष्याव १२२ जना १ मिश्र प्र० जानना को० नं० ५६ के समान जानना
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सूचना- इस कोष्टक
के अनुसार मागे
सब वर्णन किया है।
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३० २६ को० नं० ५६ के समान और सातासात में से कोई १ जोड़कर १० जानना १२०=०० + २०११० जानना १२०० ५९ में वेदनीय के दोनों प्रकृतियों का उदय नाना जीवों की अपेक्षा से १४वें गुरा स्थान में माना है और यहां दोनों में से कोई १ का उदय माना है इसलिये अनुदय और उदम में एक प्रकृति का अन्तर है।