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। ६५. ) कोष्टक नं०६०
चौद्रोस स्थान दर्शन
क्षतिक सम्यक्त्व में
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देसो
अज्ञान १, प्रसिद्धत्व १,. में से उपशम-दामोपदाम
का भंग जानना भव्यत्व १, जीवत्व'. ये २ सम्यक्त्व घटाकर २७
(२) तिथंच गनि में सारे भंग १ भम ये ४५ जानना का भंग जानना
२४ का भग-को न०००१७ देखा को नं०१७ (३) मनुष्य गति में 1. सारे भंग १ भग १ ७ के २५ के भंग में ३१-२८.२६ के भंग- कोको नं. १८ देखो' को.नं.१६ मे १क्षयोपाम सम्बत
देखो
घटाकर २४ का भंग के हरेक भमें मे उपशम
जानना क्षयोपशम ये २ सम्यक्त्व
1३) मनुष्य गति में मारे भंग घटाकर ३१.२८.२६ के
२६.२६ के भंग-को को० नं. १८ देवो को० नं०१५ भंग जानना
नं. १० के ३०-२७ के
देखो २६ का भंग-को, नं.
हरेक अंग में से १ १८ के .७ के भग में रो
क्षयोपशम सम्यक्त्व पटा१ क्षयोपशम सम्परत्व
कर २६-२६ के मंग घटाकर २६ का मंग
जानना बानना
१४ का अंग-को. नं. २६ के भंग-को० न०१८
१६ के समान जानना के ३१ के मन में से ।
२४ का भंग-को० नंक, उपशम-क्षयोपवाम २
१८ के २५ के मग में सम्यक्त्व घटाकर २६ का ।
से १क्षयोपशम सम्यक्त्व मम जानना
घटाकर २४ का मंग। २८-२८-२७-२६-२५-२४
जानना २३-२२-२२-२. के भंग को. नं० २६-२६-२८
(४) देवगति में
सारे भग १ भंग २७.२६-२५-२४-२३-२३
२६-२४ के मंग-कोनको० नं-१९ देखो को२०११ २१के हरेक भंग में से
१६ के २८-२६ के हरेक
देखा १ उपवास सम्यक्त्व घटी
भंग में से उपशम-क्षयोकर २८-२८-२७-२६-२५
पशम ये २ सम्यमत्व २४-२३-२२-२२-२० के
घटाकर २६-२४ के भंग भंग जानना
चानना