________________
१
चौतीस स्थान दर्शन
1
२
२१ प्यान
३
(२) नियंच गति में ६ के मंग
को० नं० १० देखो (३) मनुष्य गति में ९-७-६-७-२-६ के भंग को० नं० १८ देखो (२) देवगति मे
६ का मंग को० नं० १३ देषो
१६
१६
को० नं० १८ देखो (१) नरक-देवगति में हरेक में
I
१० का भंग
को० नं० १६-१६ देखो
(२) नियंच गति में
( ६४६ ) कोष्टक नं ० ०
१ भग को० नं० १० देखो
सारे भंग कोनं० १८ देखो
१ मंग [को० नं० १६ देखो
सारे मंग
को० नं० १६-१६ देखो
१ उपयोग फो० नं० १७ देखो!
१ उपयोग को० नं० १६ देखो
१ उपयोग को नं० १८ देखी | को० नं० १७ देख
(३) मनुष्य गति में ६-६-२-६ के मंग को० नं० १० देखो (४) देवगति में ६-६ के भंग को० नं० १६ देखो
१ ध्यान को० नं० १६१६ देखो
को० नं० १६ देखो (२) तियंच गति में भोग भूमि में ६ का भंग
.
६
1
ܕܙ
१. ध्यान
भंग को० नं० १७ देखो को० नं० १७ देखी हरेक में
१० का भंग
६ का भंग
को० नं० १७ देखी (३) मनुष्य गति में
!
ध्यान
सारे भंग को० नं० १६-१६ देखो १०-११-३-४-१--१--१० को० नं० १८ देखो को नं० १= देखो (२) निर्बंध गति में १-१० के मंग को० नं० १८ देखो
भोग भूमि में 6 का भंग को० नं०] १७ देखो
(३) मनुष्य गति में ६-७-६ के मंग | को० नं० १८ देखो
!
!
क्षारिक सम्यक्त्व में
प्रथक्त्व वितर्क विचार १, एकत्व वितर्क अविचार १, परिनिनिन१.
३ घटाकर (१३) (१) नरक-देवगति में
5
१ मंग
को० नं० १७ देखी
मारे भंग [को० नं० १५ देखो
१ मंग को० नं० १६ देखो
सारे मंग
कोनं ० . ६-१२ देसो
१ उपयोग को० नं० १७ देखो
१ उपयोग ०नं० १८ देखो
१
उपयोग को० नं० १६ देखो
१ ध्यान
को० नं० १६१६ देखो
१ भंग
१ ज्यान
को० न० १७ देवों को० नं० १७ देख
सारे भंन
१ ध्यान
० नं० १८ देवी | को० नं० १८ दे