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बीतीस स्थान दशन
कोष्टक नं. ९४
आहारक में
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(२) तिथंच गति में मारे भंग १ मंग । (३) मनुष्य गति में
सारे भंग १ भंग ३६-३७-१८-३६-४-३-को० नं०१७ देखो कोनं.१७ देखो ५.४६-१०-३०-२२-२०- को. नं०१५ देखी कोनं-१८ देखो | ३१-३२-३३-३४-३७-३८२२-१६-१५-१४-१३१२.
४२-३७-३२ के भंग : ११-१०-१०-१-५-३-५०
नं०को १७के ३७-३८४५.४१ के भंग
38-4-४३-४४.३२-३३. कोन १० देखो
३४-३५-३८-३६-४-३(१) देवगति में
| सारे भंग । मंग ३३ के हरेक भग में से ५ -४५-४१-४१-४४.४०-कोनं०१६देखो कोम्नं०१६ देखो कार्माण कापयोग १ षटा४० केभंग
कर ३६-३७-३८-३६-४२को० नं० ११ देखो
४३-३१-३२-३३-३४-३७-/ ३५-४२-३७-३२२ भंग ! जानना (३) मनुष्य गति में सारे भंग १भंग
४.-८-३२ के भंगको .नं.१६ देखो कोनं०१८ देखो को०१० के ४४-३६
३३ के हरेक भंग में से | कार्माण काययोग ' घटा
कर ।३-२८-३२ के भंग | जानना १२ का भंग को० नं०१८ सारे भंग १ भंग
के समान जाननाको००१८ देखो को नं०१८ देखो | १ भंग नं० को १८ सारे भंग । मंग
के २ के भंग में में कार्माण कोनं०१८ देखो को नं०१८ दलो काययोग घटाकर का भंग औमिथकाययोग जानना, ४२-३७-५२ के भंग को सारे भंग १ भंग नं०१५ के ४०-३५-३३ | कोनं०१८ देखो कोनं०१८ देखो हरेक भंग में से कार्मारा काययोग १ घटाकर ४२1३७-१२ के भंग जानना