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मैंतीस स्थान दर्शन
कोष्टक न०६५
अनाहारक में
( नियंच गति में
जान २-२-३ के भग को न०१७ देखो कोनं १७ देखो को० नं०१७ देखो (३) मनुष्य गति में | सारे भंग १ जान
२-३-१-२-३ के भंग को नं. १- देखो कोनं०१८ देखो । को० नं. १८ देखो (१) देवगति में | मारे भंग १ज्ञान २-२-३.-३ के मंगवो० नं.१६ देखो कोज्नं०१६ देखो को० नं०१९ देखो
१३ संयम ___ असंयम, यषाख्यात ये २ जानना
(१) मनुष्य गति में
यथास्था जाना को.नं०१८ देखो
१४ दर्शन को० नं.१८ देखो । (१) मनुष्य गति में
१ केवल दर्शन जानना को नं०१८ देखो
(१) नरक-तिबंध-देवति को नं. १६-१७ कोनं०१६-१७में हरेक में
१६ देखो । १६ देखो १ ममयम जानना कोन०१६-१७-१६ देखो। । (३) मनुष्य गति में सारे मंग । १संयम | १-१- के मंग को० नं०१८ देखो को नं०१८ देखो ' कोनं ८ देखो
। सारे भंग १दर्शन (१) नरक गति में कोनं०१६ देखो कोनं०१६ देखो २-३ के भंग कोल नं० १६ देखो (२, नियंच गति में
भंग दर्शन १-२-२-२ मंग कोनं०१७ देखो को नं०१७ देखो को० नं०१७ देखो (३) मनुष्य गति में | सारे भंग १दर्शन २-३-१-२-३ के मंगको नं.५८ देको फोनं-१८ देतो को नं०१८ देखो (४) देवगति में
१ भंग .१ दर्शन २-२-३-३ मंगको -नं.१६ देखो को नं०१९ देखो