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१३ संयम
ती स्थान दर्शन
१६ भव्यत्व
१४ दर्शन अच दर्शन, दर्शन मे (२)
१५ वेश्या
२
१७ सम्यक्त्व
असंयम
२० उपयोग
भव्य, श्रम य
१८ संशी
१९ आहारक आहारक, अनाहारक
,
1
ज्ञानोपयोग २ दर्शनोपयोग २ ये ४ जानना
३
३
अशुभ लेश्या (१) तियंच गति में
२
मिध्यात्व, सासादन ! (१
|
(१) तियंच गति में
प्रसशी
२
१ श्रसंयम जानना
को० नं० १७ देखो
२
(१) तिर्यंच गति में
१-२ का भंग फो० नं० १७ देखो
६ का भंग को० नं० १७ देतो
२
(३) तिथंच गति में
२ मिष्यत्व जानना को० नं० १७ देतो
१
तियंच गति में
१ मिथ्य त्व जानना को० नं० १७ देखो
!
१ श्रमंत्री जानना
(१) तियंच गति में १ प्राहारक जानना
को० नं० १७ देखो
Y
(१) तियंच गति में
३-४ के मंग को० नं० १७ देखो
६ ६६५ ) कोष्टक नं० ६२
१ भंग
१ मंग
१ मंग
१ मंग
१ भंग
१ संयम
१ दर्शन
१ लेश्या
१ अवस्था
१ उपयोग
पर्याप्तवत् जानना
२
पर्याप्तवत् जानना
३ का भंग को० नं० १७ देखो
!
२
(१) तियंच गति में २-१ के मंग
| को० नं० १७ देखी
२
(२) तिच गति में १-१ के भंग
को० नं० १७ देखो
१
1
२
(१) तिर्यच गति में १-१ के भंग
को० नं० १७ देखो
'४'
(१) निर्यच गति में
३-४-३-४ भंग को० नं० १७ देखो
७
१ भंग
१ मंग
१ मंग
१ मंग
१ रंग
t
असंज्ञी में
| दोनों अवस्था
१ भंग
१ संयम
१ दर्शन
१ लेश्या
१ अवस्था
१ सम्यक्त्व
१
१ अवस्था
१ उपयोग