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चौतीस स्थान दर्शन
६. योग
को० नं० १ देखी
१० वेद
११ कपाय
१२ ज्ञान
१३ संयम
१४ दर्शन १५ लेश्या
शुक्ल लेश्या
१६ भव्यत्व
१७ सम्यक्त्व
१८ संजी
१२ प्रहारक
.
७
१
१
6
5
५.
कौ० मिश्रका योग १, काय योग ये घटाकर (४) (१) मनुष्य गति में
५-२० के भग को० नं०] १८ देखो
| (०) प्रपगत वेद
(०) प्रकषाय
"! १ | ६१. मनुष्य गति में
आहारक, धनाहरक
१
(१) मनुष्य गति में
1
५ केवल ज्ञान जानना
को० नं०] १५ देखो
१ यथाख्यात संयम को० नं० १८ देखी १ केवल दर्शन
?
(१) मनुष्य गति में १-० के भंग को० नं० १८ देखी
१ भव्य
१ क्षायिक सम्यक्त्व
(०) अनुभय
२
(:) मनुष्य गति में
११ अवस्था जानना
को० नं० १८ देखो
(६६६ 1 कोष्टक नं० ६३
सारे भंग
सारे भंग को० न० १८ देखो
१
१ योग
मारे भंग दोन्ही अवस्था को० नं० १८ देखो
१ योग को० नं० १८
| देखो
१
e
|
ई अवस्था
● अवस्था को० नं० १८ देखो
अभय संज्ञी (न संज्ञान असंज्ञी) में
र
सौ मिश्रकाय योग १ कारकाय योग १
ये २ योग जानना
( ) मनुष्य गति में २-१ के भंग
को० न० १८ देखो
(१) मनुष्य गति में १ केवल ज्ञान जानना को० नं० १८ देखो
१
(१) मनुष्य गति में
१ यथास्यात संयम को० नं० १८ देखो
१
१
(१) मनुष्य गति में
१ का भंग को० नं० १८
देखो
१ भव्य
१ क्षायिक सम्यक्त्व
D
२
(१) मनुष्य गति में ११ अवस्था जानन। को० नं० १० देखी
सारे मंग
|
सारे भंग को० नं० १८ देखो
सारे
को० नं० १८ देखो
६
१ योग
१ योग को० नं० १०
देखी
D
०
१
१
१
१ अवस्था को० नं० १८ | देखो