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। ६४७) कोष्टक २०१०
चौंतीम शान दर्शन
क्षायिक सम्यक्त्व में
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- - तिर्यच गति भोगभूमि की अपेक्षा जानना
१. संझी
संज्ञी
(१) नरक-तिर्वच देवगति में
१ मंझी जानना को० न० १६-१७-१६
वो नं०१६-१७- को० नं०१६-(१) नरक-निर्यच-देवगनि; को नं०१६-१७-को० नं०१६१६ देखो ७-१६ देखो । म हरेक में १६ देखी १७.१६ देखो
| १ संजी जानना ।
को नं १६-७-१६ ।
। (२) मनुष्य गति में | को० नं०१८ देखो को नं.१८ 1.0- के भंग-कोर को नं०१८ देखो , को. १५
देखो नं०१८ देखो
(२) मनुष्य गति में
१-०-१ के भग को००१८ देखो
१६ पाहारक
म.ह. रक, मनाहारक
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। सारे भंग (१) नरक-देवगति में | कोल नं०१५-१६ को नं०१६-(१)नरक-देवत में फोत.१६-१६ को० न०१६हरेक में
RE देखो
| देखो
१६ देखो १ माहारक जानना
1१-१ अवस्था को.नं.१६-१६ देखो
को० नं0 -६-१९ देखो (२) तिर्यंच गति में
(२) तिर्यच गति में १ अवस्था जानना
भोगभूमि में
को० नं० १७ देखो | को नं.१७ को.नं० १७ देखो
१-१ अवस्था जानना । (३) मनुष्य पनि में | सारे भंग १अबस्था को० नं०१७ देखो ।
१-१-१-१ के भंग को.नं. १८ देखो कोन०१५ (३) मनुष्य गति में सारे भंग | अवस्था को न १८ देवो
१-१-१-१-१-१-१ के भंग को. नं०१५ देखो' को नं०१८ को० न०१८ देखो
| देखो १ भंग । १उपयोग
। उपयोग (१) मरक गति में
को० नं. १६ देखो | को० न०१६ । | मानः पर्यय ज्ञान पटाकर - ६ का भंग-को० नं०१६ ।
देखो
११) नरक गति में को० नं १६ देखो ! को नं. १६ ६ का भंग
देखो
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२० उपयोग
झानोपयोग ५ दर्शनोपयोग ये (8) जानना
देखो