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चौंतीस स्थान दर्शन
१४ त
विल दर्शन घटाकर ३ दर्शन जानना
१५ म्या
कौ० नं० २६ देखो
१६ भव्यव
१५ संज्ञी
१७ सम्यक्त्व
भव्य, अभव्य
को० नं० २६ देखो ।
१६ श्राहारक
संजी
आहारक
(२) कोष्टक नं० ३६
(१) नरक, देवगति में
२-३ के भंग को० न० १६-१६ देखी (२) तियंच गति में
२-२-३-३ के भंग की० नं० १० देखो (३) मनुष्य गति मे
२३-३-३ के भंग को० नं० १८ देखी (४) भांग मुनि में
२-३ के मंग को० नं० १७-१८ देखी
चारों गतियों में हरेक में को० नं० २६ के समान भंग जानना
२
चारों गतियों में हरेक में
को० नं० २६ के समान भंग जानना
६
चारों गतियों में हरेक में
को० नं० २६ के समान भंग जानना
चारों गतियों में हरेक में
को० नं० २६ के समान भंग जानना
१
चारों गतियों में हरेक में
१ शाहारक अवस्था जानना को० न० २६ के समान भंग जानना
सारे भंग
अपने अपने स्थान के सारे भंग जानना
१ भंग अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ भंग
जानনा
१ मंग
अपने अपने स्वान के भंगों में से कोई १ भंग
जानना मारे भंग अपने अपने स्थान के गारे भंग जानना
१ भंग को० नं० २६ देवो
१ भंग आहारक अवस्था
1
असत्य मनोयोग या उभय मनोयोग
१ दर्शन अपने अपने स्थान के रंगों में से कोई १ दर्शन |
जानना
१ लेश्या अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ लेश्या
जानना
१ स्वा
अपने अपने स्थान के सारे भंगों में से कोई १ अवस्था
जानना
१ सम्यक्त्व
अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ सम्यक्त्व जानना
१ अवस्था को० नं० २० देखी
१ अवस्था आहारक अवस्था
६-७-८