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चौतीस स्थान दर्शन
१
काय
२
१० वेद
श्रमकाय
१
६ योग १५. को० नं० २६ देखी
को० नं० १ देखी
(२) नियंच गति में
२ का भंग-को० नं० १७ को० के ५ के भंग में से एकेन्द्रिय, डीन्द्रिय, चोन्द्रिय जाति ये ३ घटाकर शेष २ जानि जानना
१-१ के भंग-को० नं० १७ देखी
(१०) कोष्टक नं० ७२
Y
३
को० नं० ७१ के समान जानना परन्तु यहां प्रचक्षु
दर्शन के जगह
दर्शन
जानना
१ जाति नं० १७ देखी
?
चारों गतियों में हरेक में
१ संकाय जानना ११
श्री मिश्रकाम योग १, बं० मित्रकाय योग १, प्रा० मिश्रकाय योग १, कामरणकाम योग १, ये ४ घटाकर (११)
(१) नरक- मनुष्य- देवगति में को० नं० ७१ देखो को नं० ७१ हरेक में
देखो
को० नं० ७१ के समान
१
१ भंग
जानना
(२) तिर्यच गति में
१ मंग ६-२-६ के मंग-को० नं०को० नं० १७ देखो १७ देख
१ ऋति को० नं० १७
१ मंग [को० नं० ७१ देखो
I
१ योग
(-) तिर्वच गति में
जानि
'
२ का भग को० नं० क े० नं० १७ देखो १० के के भंग में मे एवेपि वीन्द्रिय त्रीन्द्रिय जाति में घटा र मेष जाति जानना १ म को अगंक्षा जानना
को० नं० १७ देखी
१ योग को० नं० १७ देखो
१ वेद को न ०७१ देखो
1 जानना
1
।
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-
1
6.
14
(२) नियंचगति में
१२-९-२ के मंग
को० नं० १७ देख
चक्षु दर्शन में
१ चारों गतियों में हरेक में
१ सकाय जानना ४
औ० मिथकाय योग १, वै० मिश्राव योग १, आज मिश्रकाय योग १, कामकाय योग १
४ योग जानना
(१) नरक- मनुष्य-देवगति को नं ७१ देखी को० नं० ७१ में हरेक में
देखो
को० नं० ७१ के समान
१ अंग
१ मंग को० नं० १७ देखो
३
१ भंग को नं० ७१ के समान को० न० ७१ देखो | जानना
८
• जाति फो० नं० १७ देखों
t
१ योग
१ योग को० नं० १७ देखो
१ बेद को० १०७१ देखो