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चौंतीस स्थान दर्शन
से क्षायिक क्षयोपशमिक
ये २ सम्यक्त्व घटाकर ३१-२६-२१-२६ के मंग जानना
२८-२५-२७-२६-२५-२४२३-२२-२२-२० के मंगको० नं० १५ के २१-२६२८-२७-२६-२५-२४-२३२३-२२ के हरेक भंग में से क्षायिक सम्यक्त्व घटा कर २८-२८-२७-२६-२५२४-२३-२२-२२-२० के मंग जानना
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( ६२८ ) कोष्टक नं० ८८
द्वितीयोपशम सम्यस्त्व में
| संयमासंयम १,
| सरागसंयम १, अशुभ लेश्या ३ ये १० बटाकर (२६) (२) देवगति में २६-२४ के भंग - को० नं० १६ के ( कल्पवासीनव०) २६ के हरेक | भंग में से क्षायिकक्षायोपशमिक ये २ सम्यक्त्व पटाकर २६२४ के भंग जानना २४ का भंग-को० नंः । ६ के तव अनुदिन पंचानुत्तर के) २६ के | भंग में से क्षायिक
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| क्षयोपशमिक वे २ घटा
कर २४ का मंग जानना
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सारे भंग को० नं० १६ देखो
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को० १० १६ १ भंग
| देखो
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