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चौंतीस स्थान दर्शन
कोषक
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केवल दर्शन में
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..Morn.
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३
कगिकाय यांग १. ये योग जामना
(0) अपगत वेद ११ कषाय
(0) अकगाय
१केवल ज्ञान जानना १३ संयम
१ यथास्यात जानना १४ दर्शन
१ केवन दर्शन जानना १५ लेश्या
१ शुक्ल लेश्या जानना १६ भव्यत्व
भव्यत्व जानना १७ सम्यक्त्व
१ क्षायिक सम्परत्व जाननाः १८ मंजी
(0) अनुभम जानना १९ पाह सारे भंग १ अवस्था :
सारे भंग १ अवस्था माहारक अनाहारक (१) मनुष्य गति में कारनं. १८ देखा को. नं.१% (१) मनुष्य गति में को.नं.१८ देखो | कोन०१८ १-१ के भंग-को० नं. देखो |... के भंग-को नंक |
देखो १८ देखो
। १८ देखो २. उपयोग ! चुगपत २ युगपत्
युगपन | युगपन् ज्ञानोपयोग १, १। मनुष्य गनि में
जानना जानना (१) मनुष्य गति में जानना
जानना दर्शनोपयोग १. (२) २का मंग-को० नं.१८
२का भंग-को. नं.
[१८ दवा
मारे भंग | १ न्यान मुमक्रिया प्रनिपानी, । (३) मनु य गति में कोल नं०१८ देयो | को नं०१ व्युपरत मिया निव निनी १-१ के भंग-को० नं. ये २ जानना
१८ दलो २२ प्रामा
१ भंग
मारे भंग १ भंग ऊपर के योग म्थान के औ० मिश्रकाय योग १, ।
प्रो. मिथकाय योग योग जानना कार्माकाय योग ।
___ कार्मागकाय योग ये २ पटाकर ५)
'ये २ माम्मद जानना ।। १। मनुष्य गनि में
को.नं-१८ देखो। को नं.१ . (१) मनुष्य गति में कान-१८ देखो | कोनं.१% ५-६-के मंग-नानः ।।
देखो २-१ के मंग-को० नं.
देखा १६देखो
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