________________
१
चौतीस स्थान दर्शन
१० वेद
कोनं १ देखी
२५ [को० नं० १ देखो
११ कषाय
(२) तिर्यच गति में २-२-१ के मंग कीनं०] १७ देखो
३
कर्मभूमि की अपेक्षा (१) नरक गति में
१ नपुंसक वेद जानना कोनं १६ देखो
(२) तिर्वच गति में
३-१-३ के मंग को० नं० १० देखो (३) मनुष्य गति में
३ का मंग को० नं० १० देखो
२५
कर्म भूमि की अपेक्षा (१) नरक गति में
२३.१६ के मंग को० नं० १६ देखो (२) तिर्यच गति में
२५- २३-२५-२५-२१ के मंग
को० नं० १७ देखो (३) मनुष्य गति में
२५-२१ के भंग को० नं० १८ देखो
1 ५.३१) कोष्टक नं० ७५.
१ भंग jोन० १७ देखो
१ योग को० नं० १७ देखी
१ भंग १ वेद को० नं० १६ देवो को नं० १६ देखो
।
१ भंग
१. वेद
को० नं० १७ देखी को० नं० १० देखो
(२) निर्यच गति में १-२ के भंग नं०१७ देख ३
(१) नरकगति में
क्रो० नं. १६ दग्बो
1) नियंत्र गति में
सारे भंग को० नं० १७ देखी
३-१-३-१-: के भंग को० नं० १७ देखी
( 3 ) मनुष्य गति में ३-१ के भंग
सारे मंग १ वेद को० नं० १८ देखी | को० नं० १८ देखो को नं० १८ देख
:
| (४) देवगति में
|
उन
२ का भग [को० नं० १६ देखो
१ मंग
२५
मारे मंग [को० नं० १६ देखो कोनं १६ देखो! (१) नरक गति में
1
| २३-१२ के भंग
!
|
१ मंग को०- १७ देखी
कृष्ण या नील लेण्या में
को० नं०] १० देखा (३) मनुष्य गति में २५-१६ के भंग
सारे भंग
१ भंग को० नं० १८ देखो [को० नं० १० देवो को० नं० १८ दे
C
१ भंग I १ योग कोनं०] १७ देखी को० नं० १७ देखो
१ वेद १ मंग को० नं० १९ देखो को० नं० १६ देखो
१ मंग १ वेद फोनं०] १७ देखो को नं० १७ देखो
मारे भंग १. वेद को० नं० १० देखो को० नं० १८ देखो
मारे मंग
१ वेद नं०] १६ देखी | को० नं० १६ देवो
को० नं १६ देखो
(२) नियंच गति में
मारे मंग
|
१ मंग २५- २३-२५-२५-२१-को० नं० १७ देखो को० नं० १७ देशो २५ के संग
सारे भंग
९ मंग
को० न० १६ देखो को० नं० १६ देखी
सारे मंग १ मंग को० नं० १८ देखी को० नं० १८ देखो