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चौतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नं. ७७
पीत लेश्या में
में में पदम-शुक्न ये २
कल्पवामी देशों में
सारे भंग
भंग लेब्या घटाकर २८
२४-२२-२६ के भंग को नं०१६ देखो को नं०१६ देखो २९-२५-२६-२५-१३
को. नं० ११के २६२४-२७ के भग
- हा अंग जानना
| में से पद्म-शुक्ल ये २ ' (8) देवनि में
| सारे मंग१ मंगलेल्या घटाकर २५-२२भवनरिक दवों में को.नं. १६ देखो कोनं०१६ देखो २६ के मंग जानना २५-२३-२४-२७ के भंग | का० नं०१६ के समान । जानना कल्पवासी देवों में
" । २५-२३-२४-२७ के भंग को नं० १० के २७२५-२६-२६ के हरेक भंग में में गद्मशुक्लरलेश्या घटाकर ! २५-२३-२४-२७ के भंग जानना