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अवगाहना-कोर नं. १७-१८-१६ देखो। बंध प्रकृतियां-१४ को० नं.७ के १११ में से एकेन्द्रिय जाति १, तिर्यद्विक २, तिर्यंचायु, पानप १, उद्योल १, स्थावर १ मे ७
घटाकर १०४ जानना । उदय प्रकृतिस-१०६ को ० ७७ के १०८ में तीर्थकर प्रकृति १जोरकर १०९ जानना । सत्त्व प्रतियः-१४८ को नं०१ से १३ ये यथायोग्य गुण स्थान के भंग देखो। संख्या-असंख्यात जानना। क्षेत्र-मोक का असंख्यातवां भाग, लोक के असंख्मात भाग. सर्वलोक, को० न०२६ देखो। स्पर्शन-मोक का प्रसंख्यातवां भाग, लोक के पसंख्यात भाग, सर्वलोक, ६ राजु, को० नं. २६ देखो। काम-नाना जीवों की अपेक्षा सर्वकाल जानना। एक जीव की अपेक्षा अन्तर्मुहूर्त से साधिक ३३ सागर प्रमाण माधमिद्धि विमान को
अपेक्षा जानना अन्तर-नाना जीवों को अपेक्षा कोई अन्तर नहीं। एक जीव की अपेक्षा अन्तमु हतं से अमख्यात गुगल परावर्तन काल तक शुक्ल लश्या
न हो सके। जाति (योनि)-२२ लाख योनि जानना । को न० ७६ देख कुल-11 लाख कोटिकुल जानना 1 को० नं. ७६ देखो
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