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चौतीस स्थान दर्शन
कोप्टक नं०८६
मिश्र में (सम्यक्त्व मार्गणाका ३रा भेद)
६-७-६
चारों गतियों में हरेक में-१ असंयम जानना को० नं०१६ से १२ देखो
को० नं. १ से १६ देखो को नं०१६ से १६ देखो
१३ संयम
असंयम १४ दर्शन
केवल दर्शन घटाकर १५ लेश्या
को.नं.१ देखो
बाने मातमा हल ३ का मंग-को० नं. १६ से १६ देवो
१ भंग
दर्शन को नं० १५ से १६ देखो को नं० १६ से १६ देखो
१भंग
१ लेश्या को. नं०१६ देखो | कोनं १६ देखो
(2) नरक गति में
को भंग-को.नं. १६ देखो (२)नियंच गति में
६-३ के भंग-को० नं०१७ देखो (३) मनुष्य गति में
६-३ के मंग-को००१८ देखो (४) देवर्गात में
१-३-१ के भंग-को नं. १६ देखो चारों गतियों में हरेक में १ भव्य जानना-कोम. १६ मे १६ देखो
१लेश्वा को.नं. १७ देखो को० नं०१७ देखो सारे भंग
१लेल्या को. नं. १८ देखो । को न०१८ देखो १ भंग
१ लेश्या | को० नं.१६ देखो
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१६ भव्यत्व
भब्ध
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१७ सम्यक्त्व
चारों गतियों में होक में-१ मिश्र जानना
१८ सही
मनी
३६ ग्राहारक
चारों गतियों में हरेक में-१ मझी जानना का० नं १६ से १६ देखो वारों गतियों में हरेक में १ याहारस जानना-को० नं. १६ से १६
पाहारक
देखो
२० उपयोग
जानोपयोग ३, दर्शनोपयोग ३ ये ६ जानना
चारों गतियों में हरेक में ६ का भग-को०१६ से १६ देखो
१ मंग
१ उपयोग को नं०१६ से १६ देखो को.नं. १६ से १६ देखो