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तास स्थान दर्शन
४
काय
निकाय, वायुकाय, ये २ बटाकर शेप ३ और काय ? ये (४)
१० वेद
योग
१३
आ० मिथकाययोग १, आहारक काययोग १, ये २ घटाकर (१३)
१ काय
१ कार्य
(१) चारों गतियों में हरेक में को० नं० १६ से १९ को० नं० १६-१६
१ अलकाय जानना
दखो
देखो
सोनं १६ नं १६ देखी
3
३
को० नं० १ देखो (१) नरक गति में
१ नपुंसक वेद जानना क० नं० १६ देखो (२) तियेच गति में
fac } कोष्टक नं०
३-२ के मंग को० नं० १७ देखी (3) मनुष्य गति मे
३-२ के मंग को० नं० १८ देखी
४
'
१०
सो० मिश्रकाययोग १. ६० मिश्रकाययोग १. कार्मारण काययोग १ ये ३ घटाकर (१०) (२) चारों गतियों में हरेक में ६ का मंग
को० नं० १६ से १६ को० नं० १६ से देखो
को० नं० १६ से १६ देखो
।
१६ देखो
१ भग
१ योग
१ मंग नं १७ देखी
?
१ वेद को० नं० १६ देखो को० नं० १६ देखो
सारे भंग को० नं० १८ देखी
1
१ वेद को० नं० १७ देस्रो
१ वेद को मं० १८ देखी
सासादन में (सम्यक्त्व मार्गणा का दूसरा भेद )
४
स्थावर काय है, सकाय १ से ४ काय जानना (२) नियंत्र सति में ४-१ के भग फो० मं०] १७ देखी (१) मनुष्य- देवगति में
१ उसका जीना
को० नं० १८-१६ देखी
1
19
(२) नियंच गति में ३१-२ वे भंग को० नं० १७ देखी (३) मनुष्य गति में ३-२ के मंग को० नं० १० देखी
१ काय
글
(१) नरक गति में
सायादन] गुग्गु नहीं होता को०० १६ देखी
१ काय १ काय कोनं १० देखो को० नं० २० देखो
को० नं० १० १६
देखें। १ भंग
१ काय
३
० भिकाययोग १, वै० मिश्रकामयोग १. कार्मारण काययोग १
ये ३ योग जानना
(१) तिथंच मनुष्य- देवगति को० नं० १७ से १६ को० नं० १७ से
ये तीन गतियों में हरेक में
देखो
१६ देखो
१-२ के भंग
को० नं० १७ से १३ देख
१ काय कोनं १८१६ देखी १ योग
को० नं० १६ देखी को० नं० १६ देखो
१ भंग
१ द को० नं० १७ देखो को० नं० १७ देखो
सारे भंग १ वेद को० नं० १८ देशको० नं० १८ देखी