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१
चौंतीस स्थान दर्शन
२
1
३
६-३०-३२ के हरेक भंग में से ऊपर के समान शेष ५ लेग्या घटाकर २६-२४-२५-२७ के मंग
जान्ना
भोग भूमि में
यहां कोई भंग नहीं होते ।
कर्म भूमि की अपेक्षा (२) मनुष्य गति में
२६-२४-२५-२८ के भंग को० नं० १५ के ३१-२६-३०-३३ के हरेक भंग में से ऊपर के समान श्रेष५ लेश्या
घटाकर २६-२४-२५
२५ के भंग जानना
भोग भूमि में
यहां कोई भंग नहीं
होते।
५.३०
कोष्टक नं० ७५
सारे मंग को० नं० १० देखो
१ भंग को० नं० १८ देखो
!
(३) मनुष्य गति में २५-२६ के भंग को० नं० १० के ३०० २८ के हरेक भंग में मे पर्यावद शेष २ या पटाकर २८-२६ के मंग जानना २५ का मंग
को० नं० १० के ३० के भग में से पर्याप्तवत् शेष ४ लेoया घटाकर २५ का भंग जानना मोग भूमि में यहां कोई भंग नहीं होते ।
(४) देवगति में २४-२२ के मंग
को० नं० १६ के २६२४ के हरेक मंग में मे पर्याप्तवत् शेष र लेग्या घटाकर २४-२२ के भं
जानना
कृष्ण या नील लेश्या मॅ
७
G
सारे भंग १ भंग [को० नं० १८ देखो को० नं० १८ देखो
मारे मंग को० नं० १६ देतो
१ मंग को० नं० १६ देखो