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चोतोस स्थान दर्शन
२
C
१५ सन्नी
मंजी, असंतो
१६ प्राहरिक
२
आहारक, अनाहारक
२० उपयोग
जानोपयोग दर्शनोपयोग ३ ये जानना
३
२
कर्म भूमि को अपेक्षा (१) नरक - मनुष्य गति में हरेक में
१ संज्ञी जानना
को० नं० १६-१६ देखो
१
कर्मभूमि को अपेक्षा
दोनों गतियों में हाल में १ अ हार जानना
को० नं. १६-१७-१८ देखो
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(१) नरक गति मे
(२) तियंच गति में
1
१ भंग
१-१-१ के भंग को० नं० [को० नं० १७ देखी १७ देखो
५-६-६ के भंग-को० नं० १६ देखो
(२) निर्यच गति में
३-४-५-६-६ के भंग को० नं० १७ देबो (३) मनुष्य में ५-६-६ के भंग को० नं० १८ देखो
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{ ५३४ }
कोष्टक नं० ७५
१.
को० नं० १६० १८ देखो
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४
1
को० नं०१६-१७ १० देखी
को० नं० १६१- देखो
१ मंग को नं० १६ देखो
१ भंग [को०]०१७
१ अवस्था को० नं० १७ देखो
२
कर्मभूमि की अपेक्षा (१) नरक-मनुष्यमें हरेक में
| १ मंत्री जानना को० नं० १६ १८-१६ देखो
१
को नं० १६१७-१८ देखो
१ उपयोग को० नं० १६ देखो
१ उपयोग | को० नं० १७ देखो
(२) नियंच गति में १-१-१-१-१ के भंगको० नं० १७ देखो
२
कर्मभूमि की अपेक्ष चारों गनियों में हरेक में १-१ के भंग को नं १६ से १६ देवो
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1
अवधिज्ञान घटकर (८) (१) नरक गति में ४-६ के भंग-को० नं० १६ देखो
(२) विगति में ३-४-४-१-४-४ के भंगको० नं०] १७ देख (३) मनुष्य गति में
४-६ के भंग-को० नं०
१० देखी
(१) देव में
४ का मंगको नं १२ देख
1
कृष्ण या नील लेच्या में
देवगति
सारे भंग १ उपयोग को० नं० १० देखो को० नं० १०
।
देखो
1
१
को० नं० १६-१०१६ दे
1. १ मंग
को० नं० १७ देखो
१ भंग को० नं० १६ मे १६ देखी
फो० नं० १६१५-१० देवो
९ अवस्था | को० नं० १६ मे १६ देखो
I
मारं भग
को० नं० १० देशो
८
१ अवस्था मो० नं० १७ देखो
१ मंग
१ उपयोग
।
को० नं० १६ देखो को नं १६ देखो
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१ भंग
१ उपयोग [को० नं० १७ देखो | को० नं० १७ देखो सारे भंग को० नं० १०
देखो
|
१ भंग [को० नं० ११ देखो
|
|
१ उपयोग
को० नं० १३ देखो