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चौंतीस स्थान दर्शन
४ प्राण
२
१०
को० नं० १ देखो
५ संज्ञा
को० नं० १ देखो
६ गनि
को० न० १ देखो ७ इद्रय जानि
२
और पंचेन्द्रिय जाति (२)
३
६ का भंग-को० नं० १६१५-१६ देखो (२) तियंच गति में ६-५-६ के मंग को० नं० १७ देखो १०
(१) नरक- मनुष्य- देवगति में हरेक में
१० का भंग-को० नं० १६-१८-१६ देखो (२) तियंच गति में
१०- ६ ८-१० के भंग को० नं० १७ देखो
४
(१) नरक - तियेच देवपति में हरेक में
४ का भंग-को० नं० १६. १७-१६ देखी (२) मनुष्य गति में
४-३-२-१-१-०-४ के मंग को० नं १८ देखी
४
चारों गति जानना
?
(१) नरक मनुष्य- देवगति में हरेक में
पंचेन्द्रिय जाति जानना को० नं० १६-१८-१६ देखो
४
( 40ċ ) कोष्टक नं० ७२
१ भंग को० नं० १७ देखो
१ भंग [को० नं० १६-१८ १६ देखो
१ मंग को० नं० १७ देखो
१ मंग को० नं० १६-१७ १६ देखो
सारे भंग को० नं० १८ देखी ९ गति
१ मंग को० नं० १७ देखो
१ भग को० नं० १६१५-१६ देखी
१ भंग को० न० १७ देखो
१ भंग को० न० १६ १७-१६ देखी
१ भग को० न० १८ देखो १ मनि
को० नं० १६-१८ को ११ देखो
१ जनि
१६ १५-१६ देखी
1
का भंगको नं. १६-१८ १६ देखो (२) नियच गति में ३-३ के भंग-को० नं० [को० नं० १० देखो १७ देखी
१ भग
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१ भंग 1१] नरक मनुष्य-देवगति को० नं० १६-१८ में हरेक में १६ देखी ॐ का भंग-को० नं० १६ १५-१६ देखी
२) विच गति ७-२-६३ के. मंत को० नं० १७ देखी
४
(१) नरक नियंत्र देवगति में हरेक मे ४ का भंगक० नं १६१७-१२ देशो
चक्षु दर्शन में
(२) मनुष्य गति मे ४-४ . भग को न० १- देखो
चारों गति जानना २
१ भंग को० नं० १७ देखी १ भंन को० नं० १६.१७० १६ दे
सारे भंग को० नं० १८ देखी
१ मत
१ जाति (१) नरक मनुष्य-देवनति को० नं० १६.१६ में हरेक म १६ देखी १ पंचेन्द्रिय जाति जानना कां० न० १६-१०-१६
देखी
८
१ भंग को० नं० १७ देखो
० नं०१६१ भंग १५-१६ देखी
१ भंग को० नं०] १० देवी
को० नं० १६१ भंग १७-१६ देखी
१ २ग
कोन १८ देखो
१ गति
को० नं० १६१ जानि
१५-१६ देखो