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अवदाना-को० नं०१६ से ११ देखो बंध प्रकृतियां-५०-६७-६३-५६-५८-२२-१७-१-१ को. नं. ४ मे १२ देखो। उदय प्रकृति-१०४-०७-१-७१-१२-६६-६०-५६-५७ को नं. ४ से १२ देखो। सत्व प्रतियो-१४८-१४७-१४६-१६-१४६-१३६-१४१-१४२-१३६-१४१-१४०-१३६-१३-१०२-१०१.
को नं०४ से १२ देखो।। संख्या-असंख्याव जानना । क्षेत्र-लोन का पसंख्यातबा भाग जानना । स्पर्शन-लोक का असंख्यातवां भाग ८ राज, ६ राजु इसका खुलासा को नं०२६ देखो। काल-नोना जीदों की अपेक्षा सर्वकाल जानना । एक जीव की अपेक्षा अन्तर्मुहूर्त से ६६ सागर और ४ कोरि पूर्व तक जानना । अन्तर-नाना जोत्रों को अपेक्षा कोई अन्तर नहीं। एक जीव की अपेक्षा मन्तमुहुर्त से मर्षपुद्गल परावर्तन काल तक अवधि ज्ञान
न हो सके। जाति (योनि)-२६ लाख योनि जानना । (को० नं०२६ देखो) कुल-20 लाख कोटिकुल जानना । को नं. २६ देखो
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