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चौंतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नं०७०
असम-संयमासंयम संयम-रहित (सिद्ध गति) में
स्थान सामान्य मालाप
पर्यात
अपर्यात
नाना जीवों की अपेक्षा
एक जीव के नाना समय में
एक जीव के एक समय में
६-७-८
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प्रतीत ममा स्थान जानना
जीव ममाम ॥
यहां अपर्याप्त पवम्था नहीं होती।
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, पारिन
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१ गुगा स्थान २ जोव ममाम : पयांति ४प्रागा ५सना ६ गति ७ इन्द्रिय जाति काय योग
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११ कपाय १२ ज्ञान १२ संयम १४ दर्शन १५ लण्या १६ भव्यत्त १७ सम्यवाद १०मजो १६अहारक . २ उपयोग
" सजा गति टिमिद्ध गति) जानना इन्द्रिय रहित प्रकाय प्रयोग अपगन वेद अकषाय १ केवल ज्ञान
संयम संयमासयम-मयम से रहिन जानना १ बल दर्शन जानना अलश्या जानना अनुभम (न भव्य न प्रभव्य जानना १दायिक सम्यक्त्त जानना अनुभव (न संत्री न प्रसंगी) जानना पनुभय (न आहारक, न अनाहारका जानना केवन ज्ञान केवल दर्शनोपयोग दोनों युगपत् जानना
मतीत ध्यान जानना ग्रमानव जानना क्षायिक ज्ञान-दर्शन पौर्य-सम्मकाय ये ४, प्रौर । जीवन्न ? ये ५ जानना
२२ प्रारब
भाव